इंदौर। मध्यप्रदेश भर के तमाम गुंडों के लिए गुडन्यूज है। अब वो अपनी बीवी के नाम से भाजपा की राजनीति कर सकते हैं। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार सिंह ने एक सार्वजनिक समारोह में इसके लिए एनओसी जारी की है। हालांकि यह बयान देर से आया परंतु भविष्य में होने वाले तमाम उपचुनावों में यह बड़े काम का बयान है।
उनका कहना है कि आरोपी और अपराधी में फर्क होता है। अपराधी या गुंडे को टिकट नहीं देना चाहिए, लेकिन अगर उसका रिश्तेदार साफ छवि का है तो उसे टिकट देने में क्या बुराई? गुंडे का रिश्तेदार होने में प्रत्याशी की तो कोई गलती नहीं।
यह बात भाजपा प्रदेशाध्यक्ष नंदकुमारसिंह चौहान ने इंदौर में प्रेस से मिलिए कार्यक्रम में कही। उन्होंने दावा किया कि इंदौर में भी हमारी महापौर बड़ी लीड लेकर जीतेंगी और उसके तुरंत बाद सड़क-बिजली-पानी और सफाई पर ध्यान दिया जाएगा।
सवाल जिनके दिए जवाब
भाजपा ने इस बार अपराधियों के रिश्तेदारों को टिकट दिया है?
जवाबः- आरोपी या अपराधी में अंतर होता है। शंकर यादव पर आरोप लगे थे, जो कोर्ट में निराधार हो चुके हैं। हां, अपराधी या गुंडे को टिकट नहीं दिया जाता, यदि उसकी पत्नी या परिवार के व्यक्ति की छवि अच्छी है तो उसे टिकट देने में हर्ज नहीं, क्योंकि गुंडे का रिश्तेदार होने में प्रत्याशी की क्या गलती?
कांग्रेसी सत्ता पक्ष का फायदा लेने तो भाजपा में नहीं आ रहे?
जवाबः-ऐसा नहीं है, वे लोग कांग्रेस की गत और विचारधारा को समझ चुके हैं, इसके लिए भाजपा में आ रहे हैं। जो लोग भाजपा से जा रहे हैं उनकी बुरी गत है, लक्ष्मणसिंह को देख लो।
विधायक मालिनी गौड़ यदि महापौर बनती हैं तो क्या उनसे विधायकी छुड़वाएंगे?
जवाबः-ऐसा कोई नियम तो नहीं है, लेकिन भाजपा का नियम है कि जो मंत्री है वह पार्टी के दूसरे पद पर नहीं रह सकता। मालिनी गौड़ विधायक हैं न कि मंत्री। इसका फैसला भाजपा और मुख्यमंत्री करेंगे।
भाजपा ने पार्षद और महापौर के लिए कितना फंड देने की तैयारी की है और प्रत्याशियों को चंदा लेने की छूट है क्या?
जवाबः- हमने किसी भी पार्षद या महापौर प्रत्याशी को फंड नही दिया है, लोग अपने रुपयों से चुनाव लड़ रहे हैं। वे समाज या अन्य लोगों से मदद ले सकते हैं।
