रिर्टनिंग आफिसर ने चालाकी से नाम वापस करवा दिया

झाबुआ। पंचायत चुनाव में जो ना हो वही कम है। यहां आदर्श आचरण संहिता तो जैसे पीछे वाली जेब में भी नहीं मिलती। कहीं थानेदार नाम वापसी के लिए प्रत्याशियों को धमका रहा है तो कहीं नशे में धुत चुनावकर्मी आधिकारिक मीटिंग में शामिल हो रहा है। ताजा मामला रिर्टनिंग आफिसर की राजनीति का है। रिर्टनिंग आफिसर ने बड़ी ही चालाकी से एक ऐसे प्रत्याशी का नाम वापस करवा दिया, जिसका परिवार पिछले 20 साल से सरपंची करता आ रहा है।

विकासखंड रामा के ग्राम पंचायत धांधलपुरा बड़ा से सरपंच पद के लिए ग्राम गोमला से एक पिता एवं पुत्र ने पारा कार्यालय में रिर्टनिंग ऑफिसर को नाम-निर्देशन पत्र दाखिल किया।  जिसमें से नाम वापसी के दिन पुत्र ने अपना नाम वापसी का आवेदन दिया। पिता का आरोप है कि उस दौरान रिटर्निंग ऑफिसर द्वारा पिता से किसी आवेदन पर हस्ताक्षर करवा लिए गए। जब अगले दिन चुनाव चिन्ह आवंटित हुए तो नियमानुसार पुत्र द्वारा नाम-निर्देशन पत्र की वापसी कर दिए जाने से पिता का नाम-निर्देशन पत्र मान्य हो जाने के बाद इस पद के लिए उम्मीद्वार के रूप में उसका चयन होना था, लेकिन उसे बताया गया कि उसका नाम-निर्देशन पत्र निरस्त हो गया है।

इसकी शिकायत पिता द्वारा मंगलवार को दोपहर अनेकों ग्रामीणों के साथ कलेक्टोरेट पहुचंकर जिला प्रशासन को आवेदन देकर की गई है तथा उम्मीद्वार का नाम बहाल कर उसे चुनाव लड़ने की पात्रता दिए जाने की मांग की गई है। आवेदन में रामा विकासखंड की ग्राम पंचायत धांधलपुरा बड़ा से अनेकों ग्रामीणों के साथ आवेदन देने करणसिंह पिता रामला चौहान द्वारा दिए गए आवेदन में बताया गया कि उसके द्वारा ग्राम पंचायत धांधलपुरा से सरपंच पद हेतु 6 एवं 7 जनवरी को पृथक-पृथक दो नामांकन पत्र उसके एवं उसके पुत्र द्वारा पारा कार्यालय में रिटर्निंग ऑफिसर के समक्ष प्रस्तुत किए गए। उक्त दोनो आवेदन जांच पश्चात् वैद्य पाए गए।

10 जनवरी को जब करणसिंह अपने पुत्र का नाम निर्देशन-पत्र वापस लेने पारा कार्यालय पहुंचा। उसी समय रिटर्निंग ऑफिसर द्वारा यह कहा गया कि पावती मुझे बताओ, यह कहकर किसी आवेदन पर हस्ताक्षर करवा दिए गए। आवेदन देने कलेक्टोरेट में आए ग्राम पंचायत धांधलपुरा की वर्तमान सरपंच करणसिंह की पत्नी पारतीबाई सहित गांव के अनेकों ग्रामीण उपस्थित थे। करणसिंह ने बताया कि उसके परिवार के लोग लगातार 4 बार चुनाव जीतते आ रहे है और वर्तमान में भी उसकी पत्नी सरपंच पद पदस्थ है। इस बार उनका फार्म निरस्त कर दिए जाने से वे सरपंच का चुनाव लड़ने से वंचित रह जाएंगे। 
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