राकेश दुबे@प्रतिदिन। चुनाव कोई भी हो ग्राम पंचायत से लेकर संसद तक इसमें सबसे महत्वपूर्ण है मतदाता सूची| अब तक देश में कहीं भी त्रुटिहीन मतदाता सूची होने का प्रमाण नहीं मिला है| मतदाता सूची में नए नाम जोड़ने या उसमें संशोधन आदि का काम चुनाव आयोग के जिम्मे है।
दिल्ली और पश्चिम बंगाल की मतदाता सूची पर जैसे आरोप लग रहे हैं, वह निश्चित रूप से लोकतंत्र के लिए अच्छा संकेत नहीं है। खुद दिल्ली के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने अभी तक की जांच में करीब अट्ठासी हजार ऐसे मतदाताओं के होने की बात कही जिनके नाम, पते और फोटो आपस में मेल खाते हैं, उससे पता चलता है कि समस्या कितनी गहरी है। इनमें से अड़सठ हजार को अनुपस्थित, स्थान बदलने और डुप्लीकेट की सूची में रख कर पचास हजार को नोटिस जारी किया गया है।
अगर गड़बड़ी के आरोप सही हैं तो सबसे पहला सवाल यही है कि मतदाता पहचान-पत्र बनाने की प्रक्रिया में इतनी लापरवाही क्यों है कि एक विधानसभा क्षेत्र में इतनी बड़ी तादाद में लोग फर्जी मतदाता पहचान-पत्र बनवा लेते हैं। हालांकि आम नागरिकों में भी इतनी जागरूकता नहीं देखी जाती कि निवास बदलने के बाद पुरानी मतदाता सूची से अपना नाम हटवा लें लेकिन इससे आंकड़ों में बहुत हेरफेर नहीं होना चाहिए।
अगर बड़ी तादाद में ऐसा होने लगे तब संदेह की गुंजाइश बनती है। गौरतलब है कि दिल्ली में कांग्रेस और कुछ समय पहले आम आदमी पार्टी ने भी आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनजर मतदाता सूची में व्यापक हेरफेर का आरोप लगाया था पश्चिम बंगाल में तो यह समस्या और भी गंभीर है।
इसमें दो राय नहीं कि सभी बालिग नागरिकों को चुनावों में मतदान का अवसर मिलना चाहिए। लेकिन सच यह है कि अक्सर मतदाता सूची तैयार करने के क्रम में आने वाली खामियों के चलते कई जगहों पर बड़े पैमाने पर फर्जी वोट डालने की खबरें आती हैं तो कहीं बहुत-से लोग अपने मताधिकार का प्रयोग नहीं कर पाते। किसी नागरिक के मतदाता पहचान-पत्र पर नाम और फोटो में तालमेल नहीं होना सबसे आम शिकायत है।
यह भी देखा गया है कि कुछ राजनीतिक दल अपने लोगों को फर्जी मतदाता पहचान-पत्र बनवाने को उकसाते हैं। मगर पिछले कुछ सालों में जिस तरह मतदाता सूची में गड़बड़ी का खुलासा हुआ है, उससे आयोग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठे हैं। यह ध्यान रखा जाना चाहिए कि एक स्वस्थ लोकतंत्र के लिए स्वच्छ और निष्पक्ष मतदान अनिवार्य है और इसे सुनिश्चित करना अंतिम तौर पर चुनाव आयोग की जिम्मेदारी है।
लेखक श्री राकेश दुबे वरिष्ठ पत्रकार एवं स्तंभकार हैं।
संपर्क 9425022703
rakeshdubeyrsa@gmail.com
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