भोपाल। एक वक्त हुआ करता था भोपाल से दिल्ली तक सिंधिया का सम्मान किया जाता था। सरकार कोई भी हो, व्यक्ति कोई भी हो यदि उसके नाम के पीछे सिंधिया लगा है तो उसकी वेल्यू कुछ और ही हुआ करती थी। सिंधिया शब्द का क्रेज इस कदर था कि शादी के बाद वसुंधरा राजे एवं यशोधरा राजे ने भी अपना सरनेम नहीं बदला। सिंधिया ही रहने दिया। अब हालात यह है कि विधानसभा चुनावों में शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ दहाड़ने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया अपनी लोकसभा में एक अदद मेडिकल कॉलेज नहीं बचा पा रहे हैं।
हालात यह बन गए है कि सिंधिया इस मामले को जनता की अदालत में ले आए हैं ताकि कम से कम खुद को बेगुनाह और शिवराज सरकार को गुनाहगार साबित कर सकें।
पढ़िए पीसीसी से जारी हुआ ज्योतिरादित्य सिंधिया का यह प्रेसनोट
शिवपुरी मेडीकल कालेज मामला संकीर्णता एवं संकुचित विचारधारा: सिंधिया
पूर्व मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि पूर्व केंद्रीय मंत्री गुलाम नवी आजाद द्वारा मेरे संसदीय क्षेत्र के जिला मुख्यालय शिवपुरी की एक सभा में दिनांक 7 फरवरी 2014 को एक नया मेडीकल कालेज खोलने की घोषणा की गई थी। डाॅ. विश्वास मेहता संयुक्त सचिव, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार ने 19 फरवरी 14, को 5 मेडीकल कालेज म.प्र. के छिंदवाड़ा, रतलाम, शिवपुरी, शहडोल तथा विदिशा जिले में खोलने का सहमति पत्र श्री अजय तिर्की, प्रमुख सचिव, स्वास्थ्य शिक्षा म.प्र. को भेजा।
दिनांक 27 फरवरी 2014 को शिवपुरी में मैंने भारत सरकार के विद्युत राज्य मंत्री के रूप में इसका भूमि पूजन किया। दिनांक 24 मार्च 2014 को पारित आदेश द्वारा म.प्र. शासन ने शिवपुरी मेडीकल कालेज की स्थापना के लिए डाॅ. पी.के. सारस्वत को नोडल आॅफिसर बनाया गया।
कलेक्टर जिला शिवपुरी ने दिनांक 10 जुलाई 2014 को आदेश क्र. 15/2013-14/ आ-20 (3) के द्वारा मेडीकल काॅलेज निर्माण हेतु 12 हेक्टेयर भूमि चिकित्सा शिक्षा विभाग म.प्र. को हस्तांतरित की गई। इस प्रकार के 7 मेडीकल कालेज छिंदवाड़ा, रतलाम, विदिशा, शिवपुरी, शहडोल, दतिया, खंडवा के लिए पिछली यूपीए सरकार ने मंजूर किये थे। मगर लोकसभा चुनाव में म.प्र. के जिन दो संसदीय क्षेत्रों में भाजपा की हार हुई अर्थात मेरी व श्री कमलनाथ जी की जीत हुई, उन्हीं दो स्थानों के मेडीकल काॅलेजों को म.प्र. की भाजपा सरकार ने दलगत राजनैतिक भावना से अन्य स्थानों पर (सिवनी व सतना) स्थानांतरित करने हेतु प्रस्ताव केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को भेजा है।
श्री सिंधिया ने कहा कि केंद्रीय स्वास्य मंत्री महोदय जे.पी. नड्डा जी से पत्र दिनांक 19/11/2014 तथा दिनांक 27 नवम्बर, 2014 को व्यक्तिगत भेंट कर इन्हें स्थानांतरित न करने हेतु अनुरोध किया था।
श्री सिंधिया ने कहा कि म.प्र. की सरकार बहुत गलत परंपरा की शुरूआत कर रही है। केंद्र एवं राज्यों में सरकारें आती जाती रहती हैं, लेकिन यदि इस तरह से संकीर्णता एवं संकुचित विचारधारा के साथ सरकारें काम करेंगी तो बहुत ही गलत परंपरा की नींव डाली जा रही है। जिसे किसी भी स्थिति में उचित नहीं कहा जा सकता है। इसलिए पूर्व में घोषित शिवपुरी एवं छिंदवाड़ा मेडीकल काॅलेज को यथावत रखा जाना चाहिए। सतना एवं सिवनी में सरकार द्वारा नए मेडीकल काॅलेज खोले जा सकते हैं।
हम इन दोनों स्थानों पर काॅलेज खोलने के विरोधी नहीं हैं, लेकिन शिवपुरी एवं छिंदवाड़ा की पब्लिक का हक मारकर इस तरह से काम करना ये उचित नहीं कहा जा सकता है। इसलिए केंद्र सरकार को तुरंत अपने निर्णय को वापस लेकर शिवपुरी एवं छिंदवाड़ा के मेडीकल काॅलेज को यथावत रखना चाहिए।