भोपाल। प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता जे.पी. धनोपिया ने राज्य निर्वाचन आयोग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा कि एक बार फिर सिद्ध हो गया कि वह प्रदेश सरकार के दबाव में काम कर रहा है। संभवतः यह पहली बार हुआ है कि एक दिन पहले अधिसूचना की घोषणा और दूसरे दिन नामांकन जमा करने की शुरूआत।
ऐसा इसलिए किया गया है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की इच्छानुसार ही चुनाव कार्यक्रम तय किये गये हैं, क्योंकि प्रदेश के बड़े शहरों में वे आनन-फानन में चुनाव कराने की योजना को मूर्तरूप दे रहे हैं। वे नहीं चाहते हैं कि 1 जनवरी को जो युवा 18 वर्ष के होकर मतदाता होने का अधिकार प्राप्त करेंगे उन्हें हड़बड़ाहट में चुनाव के नामांकन फार्म जमा कराकर मताधिकार से वंचित किया जा रहा है।
श्री धनोपिया ने बयान जारी करते हुए कहा कि राज्य निर्वाचन आयोग ने जितने भी चुनाव संपन्न कराये हैं, वहां प्रत्याशियों को बहुत सी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है तथा चुनाव कार्यक्रम में चुनाव परिणाम जैसा कार्य अंतिम चरण का मतदान पूर्ण होने के पूर्व ही घोषणा कर चुनाव प्रणाली को संदेहास्पद बना दिया गया है और इसी प्रकार अब चार नगर निगमों का चुनाव कार्यक्रम ताबड़तोड़ तरीके से घोषित कर राजनैतिक रूप से किसी पार्टी विशेष को लाभ पहुंचाने का कार्य किया जा रहा है तथा एक जनवरी को 18 वर्ष पूर्ण करने वाले नये मतदाताओं को भी मताधिकार से वंचित करना सरासर गलत है।
श्री धनोपिया ने राज्य निर्वाचन आयुक्त आर. परशुराम से मांग की है कि नगर निगमों के चुनाव कार्यक्रम को संशोधित किया जाये तथा नामांकन फार्म जमा करने का कार्य एक सप्ताह बढ़ाया जाये, जिससे राजनैतिक कार्यकर्ताओं को पार्टी स्तर पर टिकिट प्राप्त करना सहज हो सके तथा 1 जनवरी को 18 वर्ष पूर्ण कर चुके नये मतदाताओं को नगर निगम चुनाव के मतदान में मताधिकार करने का प्रजातांत्रिक अधिकार दिया जाये जो उचित होगा।