भोपाल। जब व्हीआईपी सामने होता है तो कर्मचारियों की हालत क्या होती है, इसका एक और उदाहरण उस समय सामने आया जब मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह अपनी पत्नि साधना सिंह के साथ वोट डालने पहुंचे।
मतदान केन्द्र पद मौजूद कर्मचारी ने वोट डालने के बाद बाएं हाथ की पहली उंगली पर लगाई जाने वाली स्याही 'वोटिंग मार्क' दाएं हाथ की पहली उंगली पर लगा दी। अब इस मामले को कांग्रेस ने मुद्दा बना लिया है और उस अदने से कर्मचारी को सस्पेंड करने की मांग की है जिसके हाथों शायद यह गलती हुई।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता जेपी धनोपिया ने आज मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी जयदीप गोविंद को एक शिकायत सौंपी है, जिसमें आपने मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान की पत्नी श्रीमती साधनासिंह पर बुधनी विधान सभा क्षेत्र के ग्राम जैत में कल 24 अप्रैल को फर्जी मतदान किये जाने की शिकायत की और चुनाव आयोग से श्रीमती सिंह के मतदान को ‘‘फर्जी’’ घोषित करने और ग्राम जेत के मतदान केंद्र के पीठासीन अधिकारी को आदर्श चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन के आरोप में निलंबित करने की मांग की है।
श्री धनोपिया ने अपनी शिकायत के साथ संबंधित सचित्र समाचारों की प्रतियां भी चुनाव आयोग को सौंपी है, जिनसे श्रीमती साधनासिंह द्वारा फर्जी मतदान किये जाने की पुष्टि होती है। आपने चुनाव आयोग को अवगत कराया है कि मतदान संबंधी नियमों के अंतर्गत फर्जी मतदान को रोकने के लिए मतदान केंद्र पर प्रत्येक मतदाताओं के बांये हाथ ही पहली उंगली पर अमिट स्याही लगाई जाती है, लेकिन श्रीमती साधनासिंह ने मतदान के बाद छायाकारों को मतदान किये जाने के प्रमाण रूप में बांयी की बजाय दाहिनी उंगली दिखाई गई है।
इससे स्पष्ट है कि श्रीमती साधनासिंह ने अपने बांये हाथ की पहली उंगली की बजाय दांये हाथ की उंगली पर मतदान किये जाने के सबूत के बतौर अमिट स्याही का निशान लगवाया गया है, जो कि मतदान संबंधी नियमों और प्रक्रिया का खुला उल्लंघन है।