बिजली बिलों में 'सिक्योरिटी डिपॉजिट' एक नया झंझट

shailendra gupta
भोपाल। आपको नया बिजली बिल मिले तो उसमें दी गई सिक्योरिटी डिपॉजिट यानि सुरक्षा निधि जरूर देख लें। हो सकता है, मिले बिल में यह ज्यादा दर्शाई गई हो। शहर के कई उपभोक्ताओं को मिले बिलों में ऐसी गड़बड़ी सामने आई है। नियम के मुताबिक बिजली कंपनी तीन महीने (मई, जून, जुलाई) तक तीन किस्तों में सुरक्षा निधि वसूल करेगी।

कई उपभोक्ताओं को सुरक्षा निधि का गणित भी समझ नहीं आ रहा है। कई उपभोक्ताओं ने बिजली कंपनी के दफ्तरों में शिकायत की है। उनसे ज्यादा निधि वसूली जा रही है।

गड़बड़ी ऐसी- ऐसी
नेहरू नगर के रहवासी एसएस सिंह के मई के बिल में बिजली खपत 111 यूनिट बताई गई है। बिल में खपत के एवज में लिया जाने वाला ऊर्जा प्रभार 666 और 373 रुपए सिक्योरिटी डिपॉजिट और बकाया 1003 रुपए दर्शाए गए हैं। डिपॉजिट पर ब्याज एसडी इन्ट्रेस्ट माइनस में 2.73 रु. दर्शाया गया है।
ऐशबाग बरखेड़ी निवासी तसलीम खान के बिल में सुरक्षा निधि 4833 रुपए दर्शा दी। उस पर ब्याज 41 रुपए होना बता दिया।

ऐसे समझे सुरक्षा निधि का गणित
बिजली कंपनी उपभोक्ताओं द्वारा साल भर में की जाने वाली अधिकतम बिजली खपत के तीन महीने की राशि का डेढ़ गुना सिक्योरिटी के तौर पर हर साल वसूलती है। कंपनी इसे मई, जून और जुलाई के तीन महीनों के बिलों में तीन किस्तों में उपभोक्ताओं से लेती है।

इसलिए वसूली जाती है सिक्योरिटी
कंपनी के अधिकारियों का तर्क है कि यदि कोई उपभोक्ता मकान खाली कर दे, मकान बेच दे या एक जगह से कहीं दूसरी जगह चला जाए, तो बाकी राशि सिक्योरिटी डिपॉजिट के तौर पर इस तरीके से वसूली जा सकती है।

एक फीसदी की दर से ब्याज भी मिलता है
यदि साल भर के बिजली खपत के जोड़ घटाने के बाद उपभोक्ताओं की राशि बिजली कंपनी में इस मद में जमा रहती है, तो उपभोक्ताओं को उस राशि पर एक फीसदी की ब्याज दिए जाने का प्रावधान है। कंपनी इसे नकद ने देकर बिलों में जोड़ या घटा देती है।

क्या कहते हैं उपभोक्ता
सुरक्षा निधि का गणित समझ ही नहीं आ रहा है, यह मद बिलों में ज्यादा दर्शाई गई है। स्थाई रूप से रहने वालों से यह राशि नहीं वसूलना चाहिए। हमने बिजली कंपनी के दफ्तर में शिकायत की है।
राजेश राजपूत, लहारपुर

सुरक्षा निधि का गणित बिलों में कभी भी समझ में ही नहीं आया, क्या घटाया जाता है और क्या जोड़ दिया जाता है, पूछने पर संतोषजनक जवाब भी नहीं मिलता। दफ्तर में जानकारी ली, तो जवाब मिला सभी उपभोक्ताओं से यह राशि वसूली जाती है।
निधि तिवारी, विद्या नगर

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