बहुत हो गया “नमो-नमो”

राकेश दुबे@प्रतिदिन। और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को 2014 के लोक सभा चुनाव की बयार में अपने संगठन की उर्जा गलत दिशा जाती दिख ही गई और सरसंघचालक मोहन जी भागवत ने कड़ी नसीहत दे डाली है और यह नसीहत भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष राजनाथ सिंह की मौजूदगी में दी है |

सारे स्वयंसेवक अपने सरसंघचालक की आज्ञा को टालते नहीं है, अब सर्वाधिक संकट अपने को सपर्पित स्वयंसेवक कहने वाले राजनाथसिंह के साथ है | अब तक सबसे ज्यादा और सबसे पहले नमो-नमो करने वाले वे ही हैं |

इस बात की पक्की खबर है कि मोहन जी भागवत ने अपने स्वयंसेवकों से कहा है की उनका कम “नमो-नमो” करना नहीं है| हमारी अपनी मर्यादा है,हमें अपने लक्ष्यों के लिए काम करना है |वे बंगलुरु में संघ की प्रतिनिधि सभा को संबोधित कर रहे थे

उन्होंने कहा कि मौजूदा परिस्थितियों में निर्लिप्त भाव से कम करना ज्यादा महत्वपूर्ण है | हमारी मर्यादा है,उसे हमे नहीं तोडना है | वे मुक्त चिन्तन सत्र के दौरान इस प्रश्न का उत्तर दे रहे थे कि चुनाव में संघ की भूमिका वैसी ही होना चाहिए जैसी भूमिका चाणक्य ने चन्द्र गुप्त के लिए निभाई थी |

मोहन जी भागवत की इस सलाह पर अमल भी शुरू हो गया है | इस बैठक से लौटे भाजपा के संगठन मंत्री ने संघ में अपनी पैठ के आधार पर भोपाल से लोकसभा के टिकट आकांक्षी को यह कर वापिस कर दिया कि “आप जाकर संघ कार्य में लगिये |”

लेखक श्री राकेश दुबे वरिष्ठ पत्रकार एवं स्तंभकार हैं।
संपर्क  9425022703
rakeshdubeyrsa@gmail.com

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