भोपाल। संकुल केन्द्र रातिबड़ के डीडीओ की मनमानी का मामला इसका जीताजागता प्रमाण है कि अधिकारी छोटी छोटी औपचारिकताओं के लिए कर्मचारियों को किस तरह से परेशान करते हैं। अधिकारी महोदय यह सत्यापित करने को तैयार नहीं है कि उनके अधीनस्थ कर्मचारी, उनके अधीनस्थ ही हैं।
इसका नतीजा यह हो रहा है कि कर्मचारियों को बैंक ने लोन देने से इंकार कर दिया। अब वो कर्मचारी को कर्मचारी सत्यापित ना करने के पीछे क्या कारण हो सकते हैं यह आप और हम बेहतर समझते हैं, लेकिन सवाल यह उठता है कि यदि एक कर्मचारी को अपने कर्मचारी होने का सत्यापन कराने के लिए भी रिश्वत देनी पड़े तो वो इसके प्रतिफल में क्या कुछ कर डालेगा और क्या यह कर्मचारियों को भ्रष्टाचार के लिए मजबूर करने का मामला नहीं है।
पीड़ित अध्यापकों/शिक्षकों ने भोपालसमाचार.कॉम के पास अपनी परेशानी ईमेल की है, हम शब्दश: उसे प्रकाशित कर रहे हैं, पढ़िए क्या है यह मामला:-
भोपाल जिला स्थित शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय (संकुल केंद्र रातिबड) के डीडीओ की मनमानी से संकुल केंद्र अंतर्गत आने वाली शालाओं के अध्यापक संवर्ग व शिक्षक साथी परेशान है व समय पर वेतन भुगतान भी नहीं किया जाने व व्यक्तिगत लोन पर सहमति न देने से अध्यापक, संविदा, शिक्षक आर्थिक व मानसिक रूप से परेशान है।
अध्यापक संवर्ग के न्यूनतम वेतन व समय पर वेतन ना देने के चलते यहा कुछ अध्यापकों ने अपनी व्यक्तिगत आर्थिक समस्यायों के समाधान हेतु जिनमे कुछ साथियो को बच्चों के विवाह व अन्य कार्य शामिल है के समाधान हेतु भारतीय स्टेट बैंक टीटी नगर से जहाँ इनके वेतन खाते है से पर्सनल लोन हेतु आवेदन किया है जिसको डीडीओ द्वारा फॉरवर्ड किया जाता है। व मात्र जानकारी दी जाती है की उक्त अध्यापक का वेतन भुगतान उनके द्वारा किया जाता है व उक्त अध्यापक उनके संकुल अंतर्गत कार्यरत है विगत दो माह से उक्त डीडीओ करीब दर्जन भर अध्यापकों को अपनी मनमानी के चलते उनके पर्सनल लोन के फॉर्म्स मैं हस्ताक्षर ना करके बार बार चक्कर लगवाकर शारीरिक व मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रही है।
उक्त समस्या के समाधान हेतु जब अध्यापकों ने जिला शिक्षा अधिकारी महोदय से उनकी समस्या के समाधान हेतु शिकायत की एवं डीडीओ द्वारा सहयोग ना करने की बात बताई तो डीइओ (भोपाल) महोदय ने अध्यापकों से उक्त डीडीओ को उक्त समस्या के समाधान हेतु लिखित आवेदन करने के निर्देश दिए व डीडीओ के हस्ताक्षर ना करने की स्थिति मैं लिखित आवेदन पर हस्ताक्षर ना करने का कारण लिखवाकर लाने के निर्देश दिए।
जिसके पालन मैं सभी अध्यापको ने लोन फॉर्म्स फॉरवर्ड करने हेतु लिखित सामूहिक आवेदन उक्त डीडीओ के समक्ष प्रस्तुत किया व डीइओ महोदय से हुई चर्चा की बात बताई व फॉरवर्ड ना करने की स्थिति मैं आवेदन पर टीप लिखने को कहा तो उक्त डीडीओ ने लिखित आवेदन पर उपरोक्त टीप "'उपरोक्त विषय में मैं कोई कारवाही नहीं कर पा रही हूँ"' लिखकर टाल दिया गया।
उक्त टीप लगे आवेदन को पुनः अध्यापकों ने जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय मैं दिनांक 1 मार्च को आवक शाखा मैं प्रस्तुत कर पावती ले ली है परन्तु आज दिनांक तक उक्त पत्र पर कोई कारवाही नहीं हुई है व अध्यापक मानसिक रूप से प्रताड़ित हो रहे है।
जिला शिक्षा अधिकारी महोदय या तो उक्त डीडीओ को आदेशित करें या पृथक से अध्यापकों के लोन फॉर्म फॉरवर्ड करवाने की व्यवस्था करें एवं वेतन भुगतान समय पर करने हेतु निर्देशित करें ताकि सभी अध्यापक अपने अपने व्यक्तिगत आर्थिक कार्यो को परिणित कर सकें।