इंदौर/मध्यप्रदेश। प्रशासन ने जांच में धनराज रियल एस्टेट ((मदरानी ग्रुप)) को निवेशकों के साथ धोखा करने का आरोपी पाया। कलेक्टर ने ग्रुप की संपत्ति कुर्क करने के आदेश दिए हैं।
ग्रुप संचालक अनुकूल राठौर और पुनीत उपाध्याय पर आरोप है कि उन्होंने निवेशकों से किस्तों में प्लॉट खरीदने पर राशि तीन साल में दोगुना करने का लालच देकर करीब 70 लाख रु. का निवेश करा लिया। राठौर ने बयान में कबूला कि वह जमीन का सौदा अपने ड्राइवर दीपक मीणा के नाम से करता था।
ग्रुप ने प्रचारित किया कि वह कजलीगढ़ सिटी, रायकॉन सिटी और रेफयूले नामक टाउनशिप लॉन्च करेगा। यहां तीन से छह हजार वर्गफीट के प्लॉट 85 रु. प्रति वर्गफीट में खरीदने पर राशि तीन साल में दोगुना हो जाएगी। ग्रुप ने रानीबाग खंडवा रोड पर दफ्तर होना बताया था, लेकिन तहसीलदार मौके पर गए तो वहां जिम मिला।
राठौर ने प्रशासन के सामने कबूला कि जमीन को लेकर उसके ड्राइवर ने कच्चे सौदे किए थे। 39 लोगों ने एक से 15 लाख रु. निवेश किए। राठौर ने यह भी कहा कि वह अन्य ग्रुपों के लिए दलाली का काम करते थे। कुछ जगह उन्होंने निवेशकों को जमीन दी है। वहीं
जांच में सामने आया कि ग्रुप संचालकों के खाते में काफी लेनदेन हुआ, पर करीब एक हजार रु. ही खाते में जमा मिले।
इस मामले में सेबी को भी शिकायत होने पर प्रशासन ने मप्र लोकहित निक्षेपक एक्ट के तहत जांच की थी। कलेक्टर आकाश त्रिपाठी ने कहा कि जांच में कंपनी एक्ट के उल्लंघन दोषी पाई। इस पर संपत्ति कुर्की के आदेश दिए हैं।
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