महंगे चुनाव और दो-दो सीट

राकेश दुबे@प्रतिदिन। लगभग उम्मीदवार तय हो चुके हैं| कुछ उम्मीदवार एक सीट से तो कुछ दो सीटों से भाग्य आजमाने को उतारू है| दो सीट पर लड़ना और फिर एक सीट छोड़ना कितना महंगा होता है, इसका विचार राष्ट्रहित में जरूरी है| उम्मीदवार और राजनीतिक दल अगर इसे नजरअंदाज करते हैं, तो नागरिकों को सोचना चाहिए क्योंकि देश की अर्थव्यवस्था में नागरिको का योगदान ज्यादा है|

लोकसभा चुनाव 2014 में सरकार, राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों द्वारा 30,000 करोड़ रूपये की भारी भरकम राशि खर्च किए जाने की संभावना है। देश के  इतिहास की  सर्वाधिक खर्चीली चुनावी प्रक्रिया होगी। चुनाव आयोग द्वारा जहां करीब 3500 करोड़ रूपये खर्च किए जाने की संभावना है, वहीं भारतीय रेलवे, कई अन्य सरकारी एजेंसियां और राज्य सरकारें भी स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए इतनी ही राशि खर्च करेंगी।

लोकसभा चुनावों के लिए खर्च की अधिकतम सीमा ७०  लाख और न्यूनतम सीमा ५४ लाख रूपये तक बढ़ाया जाना भी चुनाव खर्च के ३०  हजार करोड़ रूपये के आंकड़े तक पहुंच जाने का एक कारण है । सामान्य, अनधिकृत अनुमान के मुताबिक चुनाव खर्च की सीमा बढ़ाए जाने के बाद ५४३  लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों में उम्मीदवार ही खुद ४ हजार करोड़ रूपये खर्च कर सकते हैं । सवाल उठता है कि यह धन आ कहां से आ रहा है? यह करोड़पति उम्मीदवारों, कॉरपोरेट्स और कांट्रैक्टरों से आ रहा है। वर्ष १९५२ के लोकसभा चुनाव पर कुल मिलाकर १०.४५ करोड़ रूपये खर्च हुए थे, जबकि २००९  के चुनावों में सरकार ने ८४६.६७ करोड़ रूपये खर्च किए। वर्ष २००४  के लोकसभा चुनाव में करीब १,११४ करोड़ रूपये के साथ सरकारी खजाने को सर्वाधिक खर्च वहन करना पड़ा। इस चुनाव में प्रति मतदाता खर्च भी सर्वाधिक था क्योंकि सरकार ने प्रति निर्वाचक १७ रूपये खर्च किए। वर्ष१९१९ के आम चुनाव के मुकाबले चुनाव खर्च में १७.५३ प्रतिशत की वृद्धि हुई और वह भी इस तथ्य के बावजूद कि मतदान केंद्रों में ११.२६ प्रतिशत की कमी आई।यदि इस चुनाव पर ३०  हजार करोड़ रूपये खर्च होते हैं तो प्रति मतदाता खर्च ४००  से५०० रूपये बैठेगा। इसने कहा, यदि वोट प्रतिशत ७५  प्रतिशत रहता है तो खर्च ५०० से ६०० रूपये प्रति व्यक्ति होगा।

इन आंकड़ों के प्रकाश में एक सीट जीतकर छोड़ना और उस पर फिर निर्वाचन देश के हित में नहीं है | नेता नहीं तो नागरिक सोचे और दो सीट से लड़ने वालों को हतोत्साहित करें|

लेखक श्री राकेश दुबे वरिष्ठ पत्रकार एवं स्तंभकार हैं।
संपर्क  9425022703
rakeshdubeyrsa@gmail.com

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