ग्वालियर। लोकसभा चुनाव की तारीखें नजदीक आते ही डाॅ0 भागीरथ प्रसाद के कांग्रेस से भाजपा में जाने को बाद कांग्रेस के कद्दावर नेता व लहार विधायक डाॅ0 गोविन्द सिंह के भाजपा में जाने की अटकलों से खलवली मची हुई है।
डाॅ0 गोविन्दसिंह मुरैना, श्योपुर से लोकसभा का टिकट मांग रहे हैं। उधर इस बारे में पूछने पर विधायक डाॅ0 गोविन्द सिंह का कहना था कि जो भी ऐसा कह रहे हैं, गलत कह रहे हैं, मैं पार्टी छोड़कर नहीं जाऊँगा। भिंड में नेता प्रतिपक्ष सत्यदेव कटारे से मुलाकात में डाॅ0 गोविन्द सिंह ने यह बात स्वीकार की कि उन्हें भाजपा की ओर से आॅफर आ रहा है, लेकिन वह पार्टी नहीं छोड़ेंगे।
कोर्ट ने पुलिस से पूछा मृत व्यक्ति ने कैसे चलाई गोली
ग्वालियर। हत्या के प्रयास के मामले में भिंड प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश ने मृत व्यक्ति के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के लेकर पुलिस को जमकर फटकार लगाई। न्यायालय ने पुलिस से यह भी पूछा कि 12-13 साल पहले मरा हुआ व्यक्ति किसी पर कैसे हमला कर सकता है। सिटी कोतवाली भिंड में दो अन्य आरोपियों के साथ राजाराम के नाम से 2 दिसंवर 2013 को फरियादी रामू कुशवाह की शिकायत पर मामला दर्ज किया गया था। आरोपियों के वकील ने मामले को फर्जी बताते हुये, राजाराम की मौत 26 जून 2000 को होना बताकर एसपी भिंड डाॅ0 आशीष भी शिकायत की थी। उक्त मामला न्यायालय में आते ही न्यायाधीश ने पुलिस की जमकर क्लास ले डाली।
बिजली कंपनी: बड़ों की करनी भुगत रहे छोटे अधिकारी
ग्वालियर। बिजली कंपनी में बड़े अधिकारियों की करनी की सजा छोटे अधिकारी भुगतने को मजबूर हैं, चाहे मामला शंकरपुर, बहोड़ापुर में अधिकारियों की मारपीट, या थाटीपुर गांव में पिटे सहायक यंत्री हितेष वशिष्ट का हो या कोई और। सूत्रों की मानें तो शंकरपुर में काजी से हुये बिवाद के बाद छत से गिरने पर बिजली कंपनी का अमला निकलकर सड़क पर आ गया था तब कंपनी के शहर महाप्रबंधक स्तर के अधिकारी ने फोन किया कि मेरी पुलिस से बात हो चुकी है वहीं रूको पुलिस अभी आ रही है, इस आश्वासन पर कंपनी अमला रूका रहा तभी पीछे से मोटर साइकिलों पर कुछ लोग आ गये और कंपनी की गाड़ी के सामने अड़ाकर मारपीट शुरू कर दी। बिजली कंपनी के सीएमडी नीतेष व्यास के आदेश हैं कि जब तक अमले में कम से कम 11 सदस्य न हों तब तक चैकिंग पर न भेजा जाये। सवाल है कि किसके आदेश पर कंपनी कर्मचारी शंकरपुर में रूके रहे और बाद में भीड़ ने उन पर हमला किया। हत्या के आरोप का मामला दर्ज होने पर अभी कंपनी अधिकारी एकजुट हैं पर कुछ विरोध में भी बोल रहे हैं, इससे पहले भी कई कंपनी अधिकारियों पर अलग-अलग केस लग चुके हैं वो अपने खर्च पर केस लड़ रहे हैं। कंपनी के बड़े अधिकारी कोई मदद नहीं करते। मामले की जांच अधिकारियों के दबाव एवं ज्ञापन के बाद आईजी ग्वालियर संभाग द्वारा की जा रही है। नाम न छापने की शर्त पर कुछ अधिकारियों ने बताया कि इस बात की भी जांच होना चाहिए कि जब शंकरपुर में बिजलेंस के अधिकारी एपी सहगल व सहायक यंत्री सहित अन्य अधिकारी गये थे तो किसके आदेश पर केवल दो सुरक्षा गार्डों के भरोसे भेजे गये ? उधर पीडि़त परिवार का कहना है कि बिजली अधिकारियों को चैकिंग के नाम पर मारपीट करने और छत से धकेलकर हत्या करने का अधिकार किसने और किस कानून के तहत दिया है। हमारे बुजुर्ग की मौत हुई है और अधिकारियों ने पुलिस पर दबाव बनाकर शासकीय कार्य में बाधा का प्रकरण भी लगवा दिया है साथ ही पुलिस व प्रशासन पर काम बंद करने की धमकी देकर तथा 65 लाख रूपये की बसूली की धमकी देकर महा प्रबंधक शहर द्वारा हत्या जैसे केस को रफादफा करने के लिये प्रयास किया जा रहा है, लोगों का कहना है कि करंट चार्ज में उक्त महा प्रबंधक अपात्र होने के बाद बिजली कंपनी के वरिष्ठ अधिकारी की विशेष ‘‘कृपा’’ से बने हुये हैं, करीब 20 साल से अधिक इसी अंचल में हैं, कोई नियम कानून शासन का इन पर लागू नहीं होता। पीडि़त परिवार का कहना है कि हमारा आदमी मरा है न्याय होना चाहिए, हत्या का मुकदमा दर्ज होना चाहिए।
मुख्यमंत्री की योजना पर, भारी बिजली अधिकारी ?
ग्वालियर। मुख्यमंत्री की योजना पर बिजली कंपनी शहर महा प्रबंधक भारी पड़ रहे हैं, मामला यह है कि ग्वालियर विकास प्राधिकरण की न्यू सिटी सेंटर स्थित भगवानसिंह माथुर आवासीय योजना में मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के वरिष्ठ अधिकारियों की मनमानी के चलते एक साल से बिजली का कनेक्शन नहीं हो पा रहा है। हितग्राहियों को मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चैहाने ने चाबियां सौंपी थी। बिजली कंपनी को जीडीए अफसरों ने 13 पत्र अलग-अलग लिखे हैं, उनकी सारी शर्तें मानने को राजी हैं, परंतु मुख्यमंत्री की योजना पर बिजली कंपनी अधिकारी की मनमानी भारी पड़ रही है। चेयरमेंन व कमिश्नर केके खरे ने भी बिजली कंपनियों के अधिकारियों से कहा परंतु मीटिंग से बाहर आते ही मुकर गये। बीके शर्मा प्रभारी, सीईओ, जीडीए ने बिजली कंपनी को 13 पत्र लिखे जाने की बात बताई। वहीं इस मामले के केन्द्र बिन्दु चर्चित जीएम शहर वृत बिजली कंपनी पीके तिवारी का कहना है कि जीडीए सव स्टेशन नहीं बना रहा है, हम पुरान सव स्टेशन से सप्लाई नहीं दे सकते। अधिकारी की जिद में मुख्यमंत्री की योजना फ्लाॅप हो रही है। उक्त अधिकारी को मुख्यमंत्री की योजना पर भारी माना जा रहा है।
कलेक्टर ने दिये विभाग प्रमुखों को कारण बताओ नोटिस
ग्वालियर। कलेक्टर पी नरहरि ने टीएल बैठक में 24 विभाग प्रमुखों को टीएल, जनसुनवाई व जनवाणी आदि के प्रकरणों का निपटारा समय पर न करने का दोषी मानते हुये, विभाग प्रमुखों को कारण बताओ नोटिस जारी किये हैं, जिनमें मंडी बोर्ड के डिप्टी डायरेक्टर, लोकनिर्माण विभाग 1 के कार्यपालन यंत्री, बिजली कंपनी के अधीक्षण यंत्री, जल संसाधन विभाग हरसी के कार्यपालन यंत्री, लेंड रिकाॅर्ड के एसएलआर, जिला पंजीयक ग्वालियर, प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड, जीडीए के सीईओ, हाउसिंग बोर्ड के डिप्टी कमिश्नर, सीईओ जिला पंचायत, एसडीएम मुरार, तहसीलदार मुरार, जिला योजना अधिकारी, ओआईसी नाजिर, हायर एज्यूकेशन अतिरिक्त संचालक आदि कई अधिकारियों को नोटिस दिये।
मनमर्जी से न बदलें बत्ती का रंग कलेक्टर
ग्वालियर। कलेक्टर पी नरहरि ने टीएल बैठक में निर्देश दिये कि परिवहन विभाग ने लाल,पीली और नीली बत्ती को लेकर जो पात्रता सूची जारी की है, उसके हिसाब से सभी जिम्मेदार अधिकारी अपने वाहनों पर बत्ती लगायें। अपर कलेक्टर को और उन्हें अपने जिले में पीली बत्ती लगाने की पात्रता है, दूसरे जिले में जाने पर बत्ती के बिना ही सफर करें।
रेलवे से पांच करोड़ सेवा शुल्क लेने पहुंचे निगम के अधिकारी
ग्वालियर। एजी आॅफिस के बाद अब नगर निगम ने रेलवे से पांच करोड़ बकाया सेवा शुल्क बसूलने, निगम उपायुक्त देवेन्द्र चैहान के साथ अधिकारियों ने पहुंचकर लोको स्थित रेलवे कार्यालय में असिस्टेंड इंजीनियर एके रिछारिया से मिलकर बकाया जल्दी जमा कराने को कहा। ऐसा न किया जाने पर नगर निगम ने कार्यवाही की बात भी कही। एई ने झांसी में वरिष्ठ अधिकारियों को प्रकरण की जानकारी दे दी है।
144 मरीजों की बचाई जा सकती थी जान
ग्वालियर। जिला अस्पताल में खराब हुये 48 यूनिट ब्लड से 144 मरीजों की जान बचाई जा सकती थी, इस ब्लड के कंपोनेंट अलग करके खून की कमीं, आग से जले व्यक्ति एवं डेंगू पीडि़त मरीज को चढ़ाया जा सकता था। एक तरफ लोग खून का इंतेजाम करने के लिये ब्लड बैंकों को मुंह मांगा दाम चुका रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ अधिकारी खून को पानी करने में लगे हैं, इस मामले की गंभीरता को देखते हुये, कलेक्टर पी नरहरि ने जांच के आदेश दिये है। कलेक्टर का कहना है कि इसके लिये जो भी दोषी होगा उसे बख्सा नहीं जायेगा।
डीजी ने किया जेल का निरीक्षण
ग्वालियर। सीरियल किलर सरमन शिवहरे द्वारा जेल ब्रेक करने की घटना के बाद डीजी जेल सुरेन्द्र सिंह ने औचक निरीक्षण करते हुये घटना स्थल का भी निरीक्षण किया। और निर्देश दिये कि मौजूदा संसाधनों से ही जेल की सुरक्षा करनी होगी तथा मुलाकात करने वालों के लिये एक और सेट बनाने के निर्देश दिये व कर्मचारियों की ड्यूटी रोटेशन में लगाने सीसीटीवी कैमरे की 24 घंटे माॅनीटरिंग करने तथा कर्मचारी के गलत काम में शामिल होने पर नौकरी से बर्खास्त करने के निर्देश दिये।
शाॅर्टकट मतलब कानून का फंदा: एसएसपी
ग्वालियर। सिम बेचने का लक्ष्य पूरा करने के लिये किसी भी शाॅर्टकट का इस्तेमाल न करें, क्योंकि यह शाॅर्टकट आपको कानून के शिकंजे में जकड़ सकता है। एसएसपी संतोष कुमार सिंह ने गालव सभागार में सिम विक्रेताओं की बैठक में उक्त बात कही। अपराध जगत से जुड़े लोग फर्जी आईडी के आधार पर सिम हासिल कर गंभीर बारदात करते हैं। अपराधी के पकड़े जाने के बाद सिम बेचने वाला भी कानून के शिकंजे में आ जाता है, दस्तावेजों की अनदेख न करें। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक युसुफ कुरेशी, वीरेन्द्र जैन तथा योगेश्वर शर्मा के अलावा एएसपी क्राइम प्रतिभा मैथ्यू भी उपस्थित थीं। सिम विक्रेताओं को साइबर एक्ट की जानकारी भी दी गई।
चिटफंडी संतोषीलाल के एजेंट आये सामने - पुलिस को सूची सौंपी
ग्वालियर। केएमजे चिटफंडी संतोषीलाल राठौर की पुलिस गिरफ्त में आने के बाद आधा दर्जन से अधिक एजेंट पुलिस के सामने पहुंच गये हैं। एजेंटों ने निवेश करने वालों की सूची पुलिस को सौंप दी है। पुलिस की कार्यवाही के बाद अन्य विभाग, आयकर आदि भी संतोषीलाल की जन्मपत्री खंगालने में लग गये हैं। चिटफंडी राठौर बड़ी वेशर्मी से कोर्ट से लेकर अधिकारियों के सामने एक ही बात दोहरा रहा था कि उसे किसी का पैसा नहीं देना हैं।
बिकने जा रहा नीला केरोसिन जब्त
डबरा। लीटापुरा वितरण केन्द्र पर केरोसिन के टेंकर से, केरोसिन ब्लैक किये जाने की सूचना गांव के सरपंच नवल दुबे तथा अन्य ग्रामीणों द्वारा प्रशानिक अधिकारियों को दी गई, जिस डबरा पुलिस ने पहुंचकर टूसीटर और पांच केनों को जप्त कर लिया गया। सेल्समेंन ने सबूत मिटाने के लिये कुछ केरोसिन फैला भी दिया। संदीप पांडे सहायक खाद्य अधिकारी ने रिकाॅर्ड और स्टाॅक में गड़बड़ी पकड़ी हैं।
पुलिस सुरक्षा: एक जवान के भरोसे 775 नागरिक
ग्वालियर। जिले में 775 लोगों की सुरक्षा का जिम्मा पुलिस बल कम होने से मात्र एक जवान के कंधे पर है। जिले कें 36 थानों में पुलिस का तयशुदा बल भी नही हैं, शासन ने संसाधन नहीं बढ़ाये हैं, जिसके चलते कई थाने आज भी भगवान भरोसे हैं आम आदमी की सुरक्षा की बजाय पुलिस बल बीआईपी सुरक्षा में ज्यादा लगा हुआ है। वर्तमान में अपराधी हाईटेक हैं। परंतु पुलिस उतनी हाईटेक नहीं हुई है देहात के कई क्षेत्रों में कई-कई किलो मीटर दूर थाने खाली पड़े रहते हैं। शहर में पुरूष 560887, महिला 492618, देहात में पुरूष 588752, महिला 513229, लड़के 62516, लड़कियां 51674 जनसंख्या का सरकारी आंकड़ा है। 21 लाख 55 हजार की आबादी की सुरक्षा में 2779 पुलिसकर्मी तैनात हैं। पुलिस फोर्स का बड़ा हिस्सा हर दिन शहर एवं ग्रामीण क्षेत्र में बीआईपी की सुरक्षा में लगा रहता है।
विकास के लिये किया माधवराव को याद
ग्वालियर। शहर जिला कांग्रेस एवं डबरा ब्लाॅक कांग्रेस ने स्व. माधवराव सिंधिया की जयंती पर विकास के लिये माधवराव को याद करते हुये, पुष्पांजलि अर्पित की। ग्वालियर में नदी गेट स्थित प्रतिमा पर फिर सिंधिया की छत्री पर पुष्पांजलि अर्पित की, जीडीसीए के अध्यक्ष प्रशांत महता, डाॅ0 दर्शनसिंह, मुन्नालाल गोयल, ब्लाॅक कांग्रेस 7 के अध्यक्ष नवीन परांडे, अनिल गुप्ता, डाॅ0 लक्ष्मी गर्ग, रमेश अग्रवाल, संग्राम कदम, आनन्द सावंत, भूपेन्द्र जैन, राजकुमार शर्मा, जयप्रकाश गहोई आदि ने अलग-अलग कार्यक्रमों में स्व. सिंधिया को याद करते हुये। पुष्पांजलि अर्पित की। रक्तदान शिविर लगाये, नारायण वृद्धाश्रम में बुजुर्गों का सम्मान किया, एमआईटीएस में सचिव रमेश अग्रवाल और प्रो. संजीव जैन तथा छात्रों ने सिंधिया की जयंती मनाते हुये, पुष्पांजलि अर्पित की।
जिले में तीन हजार से ज्यादा हैडपम्प खराब
ग्वालियर। जिले के मुरार घाटीगांव डबरा, भितरवार में देखरेख के अभाव में 7500 में से 3000 हैडपम्प सूखे पड़े हैं। पीएचई विभाग के अधिकारियों की लापरवाही से ग्रामीणांे को पानी के लिये दूर-दूर तक परेशान होना पड़ता है। इंका भितरवार विधायक लाखनसिंह ने इस मामले को प्रभारी मंत्री के सामने उठाते हुये, बैरीफिकेशन की मांग की। उधर प्रभारी जयंत मलैया ने हैडपम्पों को ठीक कराने के निर्देश दिये हैं।
समाधिया काॅलौनी के लोगों को फौरी राहत
ग्वालियर। उच्च न्यायालय ने समाधिया काॅलौनी के लोगों को फौरी राहत देते हुये, पुनरीक्षण याचिका पर सुनवाई करते हुये, न्यायालय ने जनहित याचिका पर दिये गये, उस आदेश पर अंतिम रोक लगा दी है। जिसमें कलेक्टर को जांच कर वालाबाई का बाग समाधिया काॅलौनी में सरकारी भूमि पर अतिक्रमण के मामलों की समीक्षा कर तीन माह में कार्यवाही करने को कहा गया था। अधिवक्ता आनन्द भारद्वाज ने पुनरीक्षण याचिका दायर करने वालों की ओर से दलीलें दीं।
छाते जैसी सुरक्षा देता है बैंक
ग्वालियर। जिला न्यायालय परिसर में यूनियन बैंक आॅफ इंडिया की शाखा का शुभारंभ करते हुये, न्याय मूर्ति एसके गंगेले ने कहा कि जिस तरह से छाता बारिस, धूप से बचाता है, उसी तरह बैंक भी लोगों को उनकी रकम की सुरक्षा प्रदान करता है। न्यायमूर्ति एसके गंगेले तथा जिला एवं सत्र न्यायाधीश जगदीश वाहेती ने फीता काटकर नवीन शाखा परिसर का उद्घाटन किया क्षेत्र प्रमुख बैंक के बृजेश्वर शर्मा, महाप्रबंधक बीके जैन, शाखा प्रबंधक वर्षा अग्रवाल आदि उपस्थित थे।
नगर निगम के ट्रैफिक सिग्नल, नुकसान का सौदा
ग्वालियर। अधिकारियों का अपनापन और निजी स्वार्थ के कारण नियम कानून ताक पर रखकर अधिकारी चाहेती कंपनी को लाभ पहुंचाने के चक्कर में टैªफिक सिग्नल की आड़ में निगम की खजाने को करोड़ों की ‘बŸाी’ लगाने का रास्ता निकाला है। नगर में टैªफिक सिग्नल लगाने वाली कंपनी से विज्ञापन के बदले नगर निगम किराया तो बसूलेगा, लेकिन विज्ञापन पर खर्च होने वाली बिजली का भार 27 चैराहों का बिल का भुगतान नगर निगम को अपने खजाने से करना होगा। प्रचार कंपनी का होगा, नुकसान नगर निगम झेलेगा। आगरा की खंडेलवाल आउटडोर एजेंसी को उक्त ठेका दिया है, उक्त ठेका चर्चाओं में बना हुआ है।
मुरैना जेल में अवैध बसूली
ग्वालियर। निकटवर्ती मुरैना जेल में यदि किसी मामले में एक दिन के लिए किसी आरोपी को जाना पड़े और वेल होने में देर हो जाये तो पूरे एक माह का भाड़ा 2000 हजार रूपये अवैध बसूली के लिये बसूला जायेगा। सूत्रों के अनुसार मुरैना जेल में एशो आराम के अन्य साधन मुहैया कराने के लिये अलग-अलग रेट फिक्स हैं, जेल के अंदर सभी प्रतिबंधित नशीली चीजें मिलती हैं। पुराने कैदी नये कैदियों की मारपीट करते हैं, मिलने वालों से भी अवैध बसूली की जाती है बीड़ी, सिगरेट से लेकर कोकीन व ब्राउन शुगर के भी मिल जाने की चर्चा है। बैरक नं. 1 में नये कैदी के साथ मारपीट कर परिजनों से रूपये लाने को वाध्य किया जाता है, ये रूपये कैदियों के माध्यम से जेल अधिकारियों तक पहुंचते हैं सामान्य कैदियों को खराब व सजा याफ्ता कैदियों के स्पेशल रोटी बनाई जाती है। कभी-कभी होटल से भी खाना मगा दिया जाता है।