राकेश दुबे@प्रतिदिन। अब कांग्रेस को जाति के आधार पर आरक्षण समाप्त करने की बात सूझी है | अपने लोकसभा चुनाव के घोषणा पत्र में कांग्रेस इस मुद्दे को शामिल कर सकती है |
जनार्दन द्विवेदी ने जाति के आधार पर रिजर्वेशन को समाप्त करने की मांग की है। उन्होंने राहुल गांधी से सभी समुदायों को इसके दायरे में लाते हुए आर्थिक रूप से कमजोर तबकों के लिए कोटा लागू करने का अनुरोध किया है।
जनार्दन द्विवेदी की जाति आधारित आरक्षण को समाप्त करने की वकालत ऐसे समय में सामने आई है जब कांग्रेस अल्पसंख्यकों को आरक्षण देने पर जोर दे रही है, अनुसूचित जाति एवं जनजाति के लिए पदोन्नति में आरक्षण का समर्थन कर रही है और जाटों के लिए आरक्षण के पक्ष में दिख रही है। कांग्रेस महासचिव द्विवेदी ने कहा, 'यह (जाति के आधार पर आरक्षण) समाप्त हो जाना चाहिए था। यह अब तक क्यों नहीं हुआ, क्योंकि निहित स्वार्थी तत्व प्रकिया में आ गए। क्या दलितों और पिछडों में सभी को आरक्षण का लाभ मिलता है? यह सब ऊपर वालों को मिलता है।' उन्होंने जोर देकर कहा, सामाजिक न्याय और जातिवाद में अंतर है।
कांग्रेस के तरकश में अब तीर कम बचे है घोटालों की काली छाया से उबरने के लिए अब कांग्रेस के वे महासचिव जो सोनिया गाँधी के एकदम नजदीक माने जाते हैं, इस विषय पर आपस में चर्चा भी कर चुके हैं और इसे घोषणा पत्र में शामिल कराने का जिम्मा जनार्दन दिव्वेदी ने लिया है | कांग्रेस दोनों नाव पर सवारी करना चाहती है | एक और तो वह निजी क्षेत्र में आरक्षण की हिमायती है, तो दूसरी और आरक्षण समाप्ति में उसे वोट बैंक का आधार दिखाई दे रहा है |