राजथान के माथे पर लगा व्यापमं घोटाले का कालाटीका

भोपाल। व्यापमं घोटाले का कालाटीका इन दिनों सबसे ज्यादा चर्चा में है। भाजपा और संघ से जुड़े नेताओं के नाम धीरे धीरे सामने आ रहे हैं। ताजा टीकाकरण भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह के नाम पर हुआ है।

व्यापमं घोटाले ने मप्र में नेताओं और अफसरों के गठबंधन को उजागर किया है। मप्र की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती इसे बिहार के चारा घोटाले से बड़ा भ्रष्टाचार बता चुकी हैं। इस घोटाले ने मप्र की भाजपा सरकार की किरकिरी कराई है। कांग्रेस का तर्क है कि, जबकि इस मामले में बड़े नेताओं, अफसरों और उद्योगपतियों के नाम सामने आ रहे हैं, तो इसकी जांच की जिम्मा सीबीआई को सौंप देना चाहिए।

बहरहाल, अब व्यापमं घोटाला का कलंक भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह के माथे तक जा पहुंचा है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव और मप्र विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष सत्यदेव कटारे ने मंगलवार को मीडिया के सामने बयान दिया कि इस घोटाले में राजनाथ के पॉलिटिकल एडवाइजर और भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. सुधांशु त्रिवेदी की संलिप्तता उजागर हो रही है, तो निश्चय ही इसमें राजनाथ सिंह भी कहीं न कहीं लिप्त होंगे। क्योंकि राजनाथ सिंह ने डॉ. सुधांशु को प्रदेश के तकनीकी शिक्षा विभाग ने दिल्ली में लाइजनिंग आफिसर के बतौर नियुक्त कर रखा है।

मुख्यमंत्री पर भी मामला दर्ज करने की मांग...

कांग्रेस नेता अरुण यादव और सत्यदेव कटारे ने व्यापमं घोटाले में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के अलावा पूर्व उच्च शिक्षा मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा और डॉ. सुधांशु त्रिवेदी के खिलाफ मामला दर्ज करने की भी मांग उठाई। उन्होंने इस मामले की जांच सीबीआई को नहीं सौंपने पर मप्र सरकार पर सवालिया निशान भी लगाए।

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