छत्तीसगढ़/रायपुर। राज्य सरकार ने अब कर्मचारियों को भी मोबाइल भत्ता देने जा रही है। जो उन्हें प्रतिमाह करीब 350 से 400 रुपए तक मिलेगा। शासन स्तर पर इसकी तैयारी तेज हो गई है। माना जा रहा है कि लोकसभा चुनाव से पहले सरकार इसे देने का घोषणा कर सकती है।
फिलहाल राज्य शासन ने जो प्रस्ताव तैयार किया है,उनमें निज सचिव,ग्रेड-वन से लेकर चतुर्थ श्रेणी सभी कर्मचारी शामिल रहेंगे। कर्मचारियों को मोबाइल भत्ता देने की घोषणा लोकसभा चुनाव के आसपास हो सकती है।
उससे पहले इस प्रस्ताव को कैबिनेट के सामने रखा जाएगा। जो संभवत: 17 या 18 फरवरी को होने वाली है। इस बीच इस प्रस्ताव को लेकर आला अधिकारियों के बीच कई दौर की बैठक भी हो चुकी है। जिसमें सभी अधिकारियों ने अपनी सहमति दी है। फिलहाल मामला अभी वित्त विभाग के पाले में है। जिसकी मंजूरी के बाद उसे अंतिम रुप दिया जाएगा।
प्रदेश में मौजूदा समय में करीब 1.48 लाख सरकारी कर्मचारी कार्यरत है। कर्मचारियों को भी मोबाइल भत्ता देने की यह कवायद उसी समय शुरू हो गई है जब राज्य शासन ने ड्राइवरों को मोबाइल भत्ता देने की घोषणा की थी। लेकिन इस मामले ने तेजी उस समय आई, जब मंत्रालयीन कर्मचारियों ने भी मुख्य सचिव से मुलाकात कर मोबाइल भत्ता देने की मांग की।
कर्मचारियों को भी मोबाइल भत्ता देने की यह कवायद उसी समय शुरू हो गई है,जब राज्य शासन ने ड्राइवरों को मोबाइल भत्ता देने की घोषणा की थी। कर्मचारियों को मोबाइल भत्ता देने को लेकर अधिकारी वर्ग इसलिए भी एक राय है, क्योंकि इसके दायरे में उनका निजी स्टॉफ भी शामिल है।
वैसे भी हाईटेक दौर में जहां विभागों को ई-फाइलिंग जैसी सुविधाओं से जोड़ा जा रहा है, ऐसे में वह इस सुविधा को विभागीय कामकाज और अपनी सहूलियत के लिए ज्यादा फायदेमंद माना जा रहा है। पिछले दिनों अधिकारियों ने ऐसे ही फायदे को देखते हुए ड्राइवरों को मोबाइल भत्ता देने का ऐलान किया था। प्रदेश भर के सारे सरकारी कर्मचारियों को मोबाइल भत्ता देने पर राज्य सरकार को करीब पांच करोड़ रुपए हर महीने खर्च करने पड़ेंगे। प्रत्येक कर्मचारी तक सरकार की सीधी पहुंच रहेगी।