भोपाल। ग्रामीण अंचलों में मनरेगा कार्यों के लिए ग्राम पंचायतों द्वारा नियुक्त किये गये ग्राम रोजगार सहायकों को 24 घण्टे में अपने कार्य पर लौटने को कहा गया है।
राज्य शासन ने यह निर्णय लिया है कि यदि ग्राम रोजगार सहायक अपने कार्य पर लौटकर कर्त्तव्यों का निर्वहन नहीं करेंगे तो उनकी संविदा सेवाएँ समाप्त की जाकर प्रतीक्षा सूची के अन्य उम्मीदवारों को ग्राम रोजगार सहायक के पद पर नियुक्त कर दिया जाएगा।
मनरेगा योजना और इसके अभिसरण से संचालित होने वाली अन्य योजनाओं के क्रियान्वयन का उत्तरदायित्व ग्राम रोजगार सहायक पर है। मनरेगा में कार्य की मांग करने वाले जाब कार्डधारियों को धारा 3 एवं 16 में रोजगार उपलब्ध करवाने का दायित्व भी ग्राम रोजगार सहायकों का है। इसके साथ ही पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा रोजगार सहायकों के लिए कार्यों का निर्धारण किया जाकर उन्हें ग्राम पंचायत में मनरेगा जाब कार्डधारियों से काम की मांग प्राप्त करना और उसकी रसीद देना, सरपंच से वार्षिक कार्ययोजना में कार्य अलाट करवाना, ई-मस्टर की पूर्ति, मेट से श्रमिकों की उपस्थिति प्राप्त करना, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा के इंजीनियर से कार्यों का मूल्यांकन करवाना, सरपंच से निर्माण कार्यों के भुगतान के लिए स्वीकृति प्राप्त करना और मनरेगा साफ्टवेयर में मनरेगा निर्माण कार्यों की प्रगति दर्ज करना जैसे महत्वपूर्ण कार्य सौंपे गये हैं।
राज्य शासन द्वारा इस संबंध में समस्त जिलों को निर्देश जारी कर दिए गये हैं, इससे ग्रामीण विकास की विभिन्न योजनाओं के कार्यों में किसी प्रकार का अवरोध उत्पन्न न हो एवं कार्यों को सुचारू रूप से संचालित किया जा सके।