भोपाल। राजनीति तो राजनीति ही होती है। अंतत: सब पर भारी। आचार संहिता के दौरान राजधानी के जितने भी अधिकारियों ने आचार संहिता के नाम पर भाजपा नेताओं को जलील किया था, खिल्ली उड़ाई थी अब उन सबका बस्ता बंद होना तय हो गया है।
भोपाल भाजपा के तमाम नेताओं ने हाईकमान के सामने यह शर्त रखी है कि मंत्रीमंडल के गठन के साथ ही इन्हे सबक भी मिल जाना चाहिए। ऐसे डेढ़ दर्जन से ज्यादा अधिकारियों को भोपाल से रूखसत करने की तैयारियां शुरू हो गई हैं। फिलहाल इन अधिकारियों में निरीक्षक से लेकर सीएसपी तक शामिल हैं। हालांकि इस सूची में वे अधिकारी भी शामिल हैं, जो पूर्व में भी यहां पदस्थ रह चुके हैं।
जानकारी के मुताबिक चुनाव के पूर्व चुन-चुनकर राजधानी लाए गए निरीक्षक और सीएसपी से चुनाव के दौरान कई उम्मीदवारों के समर्थकों से तू तू-मैं मैं हो गई थी। जिससे नाराज समर्थकों ने अपने विजयी हुए आकाओं को इन अधिकारियों की लिस्ट बनाकर दी है। उनको पहला काम यहीं करवाने के लिए कहा गया है कि इस पुलिस अधिकारी को यहां से हटाओ। हालांकि इन अधिकारियों से आला अधिकारी भी नाखुश बताए जा रहे हैं।
आईजी प्रशासन का कड़ा रुख
पुलिस के इन अधिकारियों के नाम पीएचक्यू के कार्मिक और प्रशासन शाखा में शिकायती आवेदन पहुंचने शुरू हो गए हैं। यहां कर्मिक आईजी ने टीआई के आधा दर्जन नामों पर कोई आपत्त्ति नहीं ली है। सूत्रों की माने तो 22 दिसंबर के बाद इन अधिकारियों के तबादले के पत्र डीआईजी आफिस में पहुंच जाएंगे। लेकिन जिन सीएसपी के तबादले को लेकर आईजी पीएचक्यू ने हरी झंड़ी नहीं दी है, उनका राजनेताआें के ट्रांसफर के लिए बरते गए रवैए पर आपत्ति है। जो सीएसपी के तबादले का आधार बताया जा रहा है। फिलहाल इस पर पुलिस मुख्यालय में अमल होना शुरू हो गया है।
इन अधिकारियों से नाराजगी
राजधानी में पदस्थ टीआई से चुनाव के दौरान जनप्रतिनिधि नाराज थे। उनमें सबसे पहला नाम आया है कि अशोका गार्डन टीआई रूपेश द्विवेदी का, जो चुनाव के ऐनवक्त पहले एक मामले में शिकायत के बाद डैमेज कंट्रोल करने की वजह उसको लेकर बखेड़ा खड़ा करवा दिया था। दूसरा नाम सामने आया है कोतवाली के टीआई सलिल शर्मा का। जिनके चुनाव के दौरान कांग्रेस प्रेम को लेकर नाराजगी जाहिर की गई है। निशातपुरा के आरबी कुशवाह के साथ टीटीनगर राजकुमार सराफ वे स्वयं भी यहां रहने के इच्छुक नहीं हैं। वहीं टीआई बैरसिया गोपाल सिंह चौहान, तलैया त्रियबंक सप्रे की निष्क्रियता को लेकर भी सवाल खड़े किए गए हैं। बजरिया टीआई, सायबर सेल के एक निरीक्षक की रिश्तेदारी को लेकर शिकायत की गई है।
इन पर है मुश्किल
राजधानी के एमपीनगर सीएसपी अरविंद खरे पर एक पार्टी के कार्यकर्त्ता ने चुनाव के दौरान ज्यादा परेशान करने की शिकायत की है, इस पर उनको हटाने के लिए इलाके के नेताओं ने राजामंदी दे दी है। एक नाम और सामने आया है, जो एक नेता के करीबी माने जाते हैं, उन पर अभी फैसला होना बाकी है।