भोपाल। शिकायत के 9 महीनों बाद ज्यादती का प्रकरण दर्ज कर गिरफ्तार में लिए गए महर्षि महेश योगी वैदिक विश्वविद्यालय के कुलाधिपति गिरीश वर्मा का समय खिदमत में गुजर रहा है। पुलिस के वीआईपी ट्रीटमेंट के तहत आरोपी वर्मा को लॉकअप से बाहर रखा गया।
टीआई कक्ष के सोफे पर आराम फरमाते हुए वर्मा ने अपने सेवादारों और समर्थकों के बीच दिन गुजारा। थाना पुलिस ने भी उसकी खिदमत में कोई कसर नहीं छोड़ी। टेबल पर नाश्ता सजा था और खुद टीआई हाथ में दूध का गिलास लेकर आरोपी वर्मा की सेवा में जुटे थे। टीआई के जाने के बाद आरोपी वर्मा को उन्हीं के कक्ष में सोफे पर सुलाया गया, जबकी जमीन पर उनका एक सेवादार सो रहा था।
गौरतलब है कि 24 मार्च 2013 को महर्षि शिक्षा संस्थान रतनपुर की एक शिक्षिका ने राज्य महिला आयोग और महिला थाने में शिकायत की थी। शिकायत में कहा था कि महर्षि यूनिवर्सिटी के कुलाधिपति गिरीश वर्मा ने मेरा यौन शोषण किया है। मुझे जान से मारने की धमकी दी जा रही है।
शिकायत के बाद महिला आयोग और महिला थाने से वर्मा को नोटिस जारी किया गया था। तब वर्मा बयान दर्ज करने के लिए उपस्थित नहीं हुए थे। खुद एडीजी महिला सेल अरुणा मोहन राव उनके घर गई थीं, लेकिन गिरीश वर्मा फरार मिले थे।
सुरक्षा के बीच अदालत में पेश
गिरीश वर्मा को सोमवार को कड़ी सुरक्षा के बीच न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी वर्षा शर्मा की अदालत में पेश किया गया।
सेवादारों के बीच खा रहे थे सेवइं की खीर
रात 11 बजे टीआई के कक्ष में सोफे पर बैठकर आरोपी गिरीश वर्मा सेवइं की खीर खा रहे थे। उनके आसपास टीआई और उनके सेवादारों का जमावड़ा भी था। अचानक टीआई के कमरे में पहुंचे मीडियाकर्मियों की नजर वर्मा पर पड़ गई, बगैर इजाजत कमरे में घुस आने को लेकर टीआई बोखला गए। झल्लाए टीआई व उनके मातहतों ने पत्रकारों से धक्का-मुक्की कर बाहर निकाल दिया।