भोपाल। महज 12 महीनों में दिल्ली सहित देश की राजनीति में धमाल मचाने वाली आम आदमी पार्टी का असर मप्र के लोगों में भी तेजी से होने लगा है।
दिल्ली विधानसभा चुनाव में तीन बार से मुख्यमंत्री शीला दीक्षित की सत्ता को उलटने में अहम भूमिका निभाने वाले आप के प्रमुख अरविंद केजरीवाल के आचार-विचार ने पूर्व विधायक पारद दादा को भी अपना मुरीद बना लिया है। पारस कभी भी आप का झंडा हाथ में लेकर नई राजनीतिक पारी की शुरूआत कर सकते हैं। फिलहाल वे अपने शुभचिंतकों,मित्रों और समर्थकों से इस बारे में विचार-विमर्श कर उनका रूख समझने में लगे हुए हैं। मगर सैद्धांतिक तौर पर वे आप के साथ कदम से कदम मिलाने को तैयार हैं।
अन्ना हजारे के आंदोलन के बाद पारस दादा ने हाल ही में दिल्ली में हुए विधानसभा चुनाव में आप के लिए चुनाव प्रचार भी किया है। रविवार को रतलाम में पूर्व विधायक ने एक खुली पंचायत बुलाई है। उसके बाद कोई बड़ा ऐलान करेंगे। 2008 के विधानसभा चुनाव में रतलाम शहर से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव जीतकर पारस ने भाजपा-कांग्रेस दोनो को चौंका दिया था।
विधानसभा सदन में व्यवस्थामूलक मुद्दों पर भी हमेशा सक्रिय रहे। हालांकि 2013 के चुनाव में वे चुनाव हार गए। वे अब लोकसभा चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं। मंदसौर या इंदौर में किसी एक जगह से चुनाव मैदान पर दिखाई देंगे। गौरतलब है कि मप्र में आप ने विधानसभा चुनाव तो नहीं लड़ा था मगर वह अच्छे चेहरे मिलने पर लोकसभा चुनाव में आ सकती है।