भोपाल। नौवीं से 12वीं की छमाही परीक्षाओं के साथ विद्यार्थियों को मुख्य परीक्षा के लिए अब स्कूलों का इम्तहान शुरू हो गया है। स्कूलों को इसकी तैयारी की सख्त हिदायतें दी गई हैं।
सरकारी हाईस्कूल व हायर सेकंडरी स्कूलों में छमाही परीक्षाएं 11 से 18 दिसंबर को खत्म होंगी। इसके लिए स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने तैयारी कर ली है। इसके बाद स्कूलों की भी परीक्षा रहेगी कि तिमाही परीक्षा के बाद अब तक उन्होंने विद्यार्थियों की स्थिति में कितना सुधार लाया है।
वहीं, माशिमं ने बोर्ड परीक्षाओं के लिए केंद्र निर्धारित करने का कार्य शुरू कर दिया है। छमाही परीक्षाओं के खत्म हो जाने के बाद मुख्य परीक्षाओं के शुरू होने में ढाई से तीन महीने का समय शेष रहेगा। इस शेष बचे समय में विद्यार्थियों के लिए एक विशेष कार्ययोजना रहेगी, जिसके आधार पर मुख्य परीक्षाओं की तैयारी होगी। खासकर बोर्ड परीक्षार्थियों के लिए यह खास होगी।
नौवीं से 12वीं तक का छमाही का टाइम-टेबल लोक शिक्षण संचालनालय ने जारी कर दिया है। ये परीक्षाएं दो पालियों में होंगी। पहली पाली का समय सुबह 8 से 11बजे व दूसरी पाली का समय दोपहर 1 से 4 बजे तक रहेगा। छमाही का रिजल्ट महीने के अंतिम सप्ताह में जारी किया जाएगा। इस रिजल्ट के आधार पर विद्यार्थियों को तैयारी कराई जाएगी। इसमें कमजोर बच्चों के लिए विशेष कक्षाएं लगाई जाएंगी।
इस बार से सत्र की शुरुआत से नौवीं व 11वीं के बच्चों के लिए विशेष कक्षाएं लगाकर पढ़ाई कराई जा रही है, लेकिन छमाही के बाद विशेष कक्षाएं अनिवार्य कर दी जाएंगी। इधर, माशिमं ने 10वीं व 12वीं की परीक्षाओं की तैयारी शुरू कर दी है और इसके तहत परीक्षा केंद्र व केंद्राध्यक्षों को बनाए जाने का कार्य शुरू कर दिया गया है।
तिमाही में औसत रहा था रिजल्ट
तिमाही परीक्षाओं में बच्चों का रिजल्ट औसत रहा था। छमाही में रिजल्ट अच्छा आ सके, इसके लिए स्कूलों को निर्देश जारी किए गए थे कि वह बच्चों को बेहतर ढंग से तैयारी कराई कराएं, जिससे छमाही परीक्षाओं में बच्चों की स्थिति में सुधार लाया जा सके।
मॉडल आंसर प्रश्न-पत्र दिए जाएंगे
छमाही परीक्षाओं के बाद मॉडल आंसर व प्रश्नपत्रों के आधार पर मुख्य परीक्षाओं की तैयारी कराई जाएगी। मंडल जहां 10वीं व 12वीं के विद्यार्थियों के लिए प्रश्नपत्र वेबसाइट पर अपलोड करने की तैयारी कर रहा है। वहीं, स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारी मॉडल आंसर स्कूलों में पहुंचाएंगे, जिसके आधार पर विद्यार्थी परीक्षा के बाद अपनी स्थिति का आकलन कर सकेंगे।