भोपाल। पहले निरंतर हुई बारिश फिर रूकरूक कर हुई बारिश किसानों के हाथ सोसबीन के नाम पर कुछ भी हाथ नहीं आया है। फसल इतनी खराब हो चुकी है कि मुश्किल से एक एकड़ से एक बोरे की फसल नहीं बची है कहीं-कहीं तो एक दाना भी हाथ नहीं आया है जिससे किसान बेहर मुसीबत में है किसानों की जल्द ही मुआवजा देने की मांग की गई है।
चुनाव आचार संहिता लगने के बाद तो किसान और भी चिंतित हो गए है कि शायद ही उन्हें मुआवजा मिले। राजधानी के समीपस्थ ग्रामीण क्षेत्रों में सोयाबीन फसल पूरी तरह खराब हो गई है लेकिन आश्चर्य की बात यह है कि अधिकारियों ने अभी तक सर्वे तक नहीं किया है जिससे किसानों में आक्रोश है।
जिला कांग्रेस ग्रामीण के महासचिव गुलनारायण नागर, किसान नेता रामसिंह मेवाड़ा,जिला पंचायत सदस्य राजेन्द्र राजपूत, संतोष नागर, नीतेन्द्र त्यागी ने कहा है कि एक और प्रदेश के मुख्यमंत्रीशिवराजसिंह चौहान किसान हितैशी होने का दावा कर रहे है दूसरी और वे निरंतर तेज बारिश से सोयाबीन की फसल पूरी तहर तबाह होने के बावजूद भी कोई ध्यान तक नहीं दे रहे है।
अभी तक किसानों को मुआवजा मिलना तो दूर की बात है निरंतर हो रही बारिश से खराब हुई फसल का अधिकारियों को सर्वे करने का निर्देश तक नहीं दिए है। नेताओं ने कहा कि निरंतर हुई बारिश के कारण सोयाबीन की फसल तबाह हो गई थी जो कुछ बची थी अब फिर निरंतर हो रही बारिश से वो भी तबाह हो गई अब किसानों को जितनी फसल मिल रही उससे मजदूरी का खर्चा भी नहीं निकल रहा है।
ग्राम जमुनिया, भौरी, बकानिया, सालम बरखेड़ा, खजूरी, फंदा, कजलास, र्इंटखेड़ी, लखापुर, कोड़िया, बोरखेड़ी, पिपलिया धाकड़, कोल्हूखेड़ी सहित दर्जनों गांव में सोयाबीन की फसल को भारी नुकसान हुआ जिससे अपने भविष्य को लेकर किसान काफी चिंतित है। श्री नागर ने आश्चर्य व्यक्त किया है कि अभी तक सर्वे भी शुरू नहीं किया है जिससे किसानों में आक्रोश है। श्री नागर नेकहा है कि अधिकारियों द्वारा कुछ क्षेत्रों का सर्वे तो किया था लेकिन नुकसान का आंकलन बहुत ही कम किया है। इसके बाद फिर हुई बारिश से तो फसल पूरी तरह तबाह हो गई लेकिन उसका सर्वे आज तक नहीं किया गया है। श्री नागर ने मुआवजा देने की मांग महामहिम राज्यपाल से की है।