भोपाल। मध्यप्रदेश की 21 सीटें ऐसी हैं जहां प्रत्याशी के नाम की घोषणा करने से पहले भाजपा और कांग्रेस दोनों को डर लग रहा है। दोनों पार्टियों के चयनकर्ता चिंतित हैं कि कहीं उनका निर्णय गलत ना हो जाए।
दरअसल मध्यप्रदेश में वर्ष 2008 के विधानसभा चुनाव में राज्य की 230 विधानसभा सीटों में से 21 सीटें ऐसी रहीं, जहां जीत का अंतर बहुत कम था। चुनावी आंकड़ों के अनुसार, इन क्षेत्रों में उम्मीदवारों की जीत का अंतर 1000 वोटों से भी कम था। यदि इस बार टिकिट गलत हाथों में चला गया तो परिणाम कुछ भी हो सकते हैं, हारने वाला जीत सकता है और जीतने वाला धूल चाट सकता है।
वर्ष 2008 के चुनाव में धार विधानसभा क्षेत्र में वरिष्ठ भाजपा नेता एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री विक्रम वर्मा की पत्नी नीना वर्मा मात्र एक वोट से विजयी घोषित हुई थीं। दूसरे नंबर पर आने वाले कांग्रेस के बालमुकुंद गौतम ने इसको लेकर लंबी कानूनी लडाई लडी और अदालत ने अंतत: नीना वर्मा का निर्वाचन रदद कर गौतम को विधायक पद की शपथ दिलाने के निर्देश दिये। गौतम ने हाल ही में विधानसभा की सदस्यता ग्रहण की।
वर्ष 2008 के विधानसभा चुनाव में प्रदेश में कई बड़े नेताओं ने अत्यंत कम मतों के अंतर से जीत हासिल की थी। इनमें सबसे पहला नाम कद्दावर मंत्री जयंत मलैया का है, जिन्होंने पिछले चुनाव में कांग्रेस के उम्मीदवार को मात्र 130 मतों से हराया था।
कांग्रेस सांसद सज्जन सिंह वर्मा ने वर्ष 2009 में संपन्न पिछले लोकसभा चुनाव से पूर्व, 2008 में हुए विधानसभा चुनाव में सोनकच्छ क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी को मात्र 191 मतों से पराजित किया था। वर्मा बाद में लोकसभा चुनाव में देवास शाजापुर क्षेत्र से विजयी हुए थे।
इसी प्रकार कांग्रेस ने छिंदवाड़ा जिले की जुन्नारदेव सीट से बहुत कम मतों के अंतर से विजय प्राप्त की थी। यहां कांग्रेस के तेजी सरयाम ने भाजपा के नाथन सिंह को 194 मतों से शिकस्त दी थी।
पूर्व मुख्यमंत्री कैलाश जोशी के पुत्र दीपक जोशी देवास जिले की हाटपिपल्या सीट से कांग्रेस के राजेन्द्र सिंह बघेल को 220 मतों से पराजित कर जीते थे। शिवपुरी जिले के कोलारस में भाजपा के देवेन्द्र जैन ने कांग्रेस के रामसिंह को 239 मतों से पराजित कर विधानसभा में प्रवेश किया था।
यही हाल इंदौर-तीन में रहा था जहां कांग्रेस के अश्विन जोशी ने भाजपा के गोपी कृष्ण नेमा को 402 मतों से हराया था। मुरैना जिले के दिमनी विधानसभा क्षेत्र में भाजपा के शिवमंगल सिंह तौमर ने बसपा के रविन्द्र सिंह तौमर को 256 मतों से पराजित किया था।
मध्यप्रदेश विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष श्रीनिवास तिवारी रीवा जिले की सिरमौर विधानसभा सीट पर बसपा के राजकुमार उरमलिया से मात्र 309 मतों के अंतर से हारे थे।
साथ ही पन्ना विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के श्रीकांत दुबे ने भाजपा की पूर्व मंत्री कुसुम मेहदेले को मात्र 42 मतों के अंतर से पराजित किया था। कांग्रेस की ही विजयलक्ष्मी साधौ ने महेश्वर विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के राजुकमार मेव को 673 मतों से पराजित किया था। अब विजयलक्ष्मी साधौ राज्यसभा सदस्य हैं।
टीकमगढ जिले के जतारा विधानसभा क्षेत्र में भी भाजपा के हरिशंकर खटीक ने भारतीय जनशक्ति पार्टी के दिनेश अहिरवार को 847 मतों के अंतर से हराया था।