भोपाल। नाबालिग से रेप के आरोप में फंसे गिरफ्तार आसाराम बापू के बाद अब पुलिस ने उनके सेवादार शिवा को भी गिरफ्तार कर लिया है। दोनों के बयान आपस में मेल न खाने के बाद पुलिस ने सेवादार को गिरफ्तार किया है। इस सेवादार पर पीड़िता को कुटिया तक ले जाने का आरोप है। पुलिस की एक टीम आसाराम के छिंदवाड़ा होस्टल की वार्डन शिल्पी को गिरफ्तार करने रवाना हो गई है।
शिल्पी पर आरोप है कि उसने पीड़िता से भूत-प्रेत की बात कहकर उसे बापू से मिलने पर मजबूर किया था। इस बात के खुलासे के बाद उसने जोधपूर आने से इंकार कर दिया था।
इससे पहले हुए पोटेंसी टेस्ट में भी आसाराम पॉजिटिव पाए गए हैं। पुलिस ने उन सभी दावों को खारिज कर दिया जिसमें वह दिमागी और अन्य बीमारियों से ग्रसित बताए गए थे। इस बीच आसाराम के वकील ने हाईकोर्ट में एफआईआर को रद्द करने के लिए अपील करने की बात कही है। वहीं उन्होंने जमानत याचिका अभी दायर करने से इंकार भी कर दिया है। आसाराम का कहना है कि नाबालिग लड़की ने उनपर झूठे आरोप लगाए हैं।
इससे पहले वह अपने मेडिकल टेस्ट में वह पूरी तरह से फिट पाए गए हैं। पुलिस की जांच में यह बात भी सामने आई है कि जो आरोप उन पर लगाए गए हैं वह उन्हें अंजाम देने में पूरी तरह से सक्षम हैं, जबकि उन्होंने खुद को नपुंसक बताते हुए कहा था कि इन अपराधों को करने में सक्षम नहीं हैं।
रविवार को एक दिन की रिमांड पर भेजे जाने के बाद आसाराम का मेडिकल टेस्ट कराया गया जिसमें वह पूरी तरह से फिट पाए गए। पुलिस ने आसाराम के पुत्र नारायण साई द्वारा उन्हें कोई दिमागी बीमारी होने की बात को भी नकार दिया है।
पुलिस ने कल आसाराम की एक दिन की रिमांड मिलने के बाद उनसे पूछताछ की। पोटेंसी टेस्ट पॉजिटिव आने के बाद आसाराम के मुश्किलें और बढ़ सकती हैं। गौरतलब है कि पोटेंसी टेस्ट से ये साबित होता है कि आसाराम पर यौन शोषण के जो आरोप लगे हैं, उस अपराध को वो अंजाम दे सकते हैं।
पुलिस के मुताबिक टेस्ट के पॉजिटिव रिजल्ट से इस मामले में उन्हें आसाराम के खिलाफ अहम मेडिकल सबूत मिला है। फिलहाल आसाराम को राजस्थान आर्म्स कंस्टेबुलरी मुख्यालय में रखा गया है जहां उनसे रात को भी पूछताछ की गई। रविवार को कोर्ट के समक्ष पेश किए जाने के दौरान आसाराम ने आश्रम में रुकने की इजाजत मांगी थी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया। कोर्ट ने कहा कि जहां पुलिस की मर्जी और सहूलियत होगी उन्हें वहीं पर रहना होगा।