भोपाल। नाबालिग लड़की के यौन शोषण के मामले में जोधपुर की जिला अदालत ने सोमवार को आसाराम को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया. एक दिन की पुलिस रिमांड खत्म होने के बाद आसाराम को अदालत में पेश किया गया था. आसाराम की जमानत याचिका पर सुनवाई मंगलवार सुबह 11 बजे होगी.
इससे पहले रविवार को मैजिस्ट्रेट ने आसाराम को एक दिन की पुलिस रिमांड पर दिया था. रिमांड पूरी होने के बाद राजस्थान पुलिस ने आसाराम को अदालत में पेश किया. पुलिस ने एक और दिन का रिमांड मांगा था.मगर अदालत से इसकी अनुमति नहीं मिली.
उधर आसाराम के वकीलों ने वही पुराने तर्क दोहराए कि उन्हें राजनैतिक साजिश के तहत फंसाया जा रहा है. आसाराम भी कोर्ट में यही कहते रहे कि मैं बीमार हूं. उनके वकीलों का कहना था कि आसाराम की तबीयत खराब रहती है और उन्हें जेल के बजाय अस्पताल या दूसरी जगह रखा जाए. इस पर सरकार ने कोर्ट को भरोसा दिलाया कि जैसे अभी तक आसाराम की सेहत का ध्यान रखकर बंदोबस्त हुए हैं, वैसे ही जेल में भी इस बात का ध्यान रखा जाएगा.
दोनों पक्षों के तर्क सुनने के बाद अदालत ने आसाराम को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया. एडीशनल एडवोकेट जनरल ने सुनवाई के बाद बताया कि मंगलवार को सुबह 11 बजे आसाराम की जमानत याचिका पर सुनवाई होगी.
रविवार को जोधपुर पुलिस ने पूछताछ और जांच के लिए अदालत से आसाराम की दो दिन की पुलिस हिरासत मांगी थी, लेकिन अदालत ने आसाराम को एक ही दिन की पुलिस हिरासत में भेजा.
आसाराम को हाई वोल्टेज ड्रामा के बाद शनिवार रात तकरीबन साढ़े 12 बजे इंदौर स्थित उनके आश्रम से गिरफ्तार किया गया था. इसके बाद उन्हें दिल्ली और फिर दिल्ली से जोधपुर लाया गया था. पुलिस ने पूछताछ की और सबूत जुटाने की कोशिश की. जोधपुर पुलिस के कमिश्नर ने रविवार को कहा था कि आसाराम अब जांच में सहयोग कर रहे हैं. यदि वे सहयोग नहीं करेंगे तो अदालत से पुलिस हिरासत का और समय मांगा जाएगा.
सोमवार को आसाराम को ज्यूडिशियल कस्टडी में भेजने का मतलब यही समझा जा रहा है कि पुलिस के पास आसाराम के खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं.