इंदौर। निजी प्रैक्टिस के नियम कड़े करने पर सरकारी डॉक्टरों ने रविवार को स्वास्थ्य राज्यमंत्री के सामने शासन की नीतियों को जमकर कोसा। उन्होंने कहा कि सरकार डॉक्टरों के गले में एक तरह से पट्टा डालकर पालतू जानवर बना रही है।
इसके विरोध में प्रदेश के सभी डॉक्टर 2 से 8 सितंबर तक काली पट्टी बांधकर काम करेंगे। इसके अलावा 16 चिकित्सा संगठन 8 सितंबर को भोपाल में रैली निकालेंगे।
सन्मति स्कूल में मप्र चिकित्सा अधिकारी संघ का संभागीय सम्मेलन हुआ। इसमें इंदौर-उज्जैन संभाग के 300 से ज्यादा डॉक्टरों ने मुख्य अतिथि राज्य महेन्द्र हार्डिया के सामने दुखड़ा रोया। उन्होंने इस आदेश को तुगलकी फरमान बताया। कहा कि सरकार की विसंगतिपूर्ण नीतियों से न तो मरीज को लाभ मिल रहा है और न ही डॉक्टर संतुष्ट हैं। सरकार निजीकरण को बढ़ावा दे रही है।
दो मेडिकल कॉलेजों को कुछ सरकारी अस्पताल दे दिए। अब प्रदेश के 12 जिला अस्पताल मेडिकल कॉलेजों को सौंपने का प्रस्ताव तैयार किया है। संघ के प्रांतीय अध्यक्ष डॉ. अजय खरे और महासचिव डॉ. माधव हसानी ने कहा सरकार डॉक्टरों के साथ जानवरों जैसा बर्ताव कर रही है।
पब्लिक हेल्थ स्टैंडर्ड के अनुसार आबादी के अनुसार अस्पताल और डॉक्टरों की संख्या 40 फीसदी ही है। सम्मेलन में संयुक्त संचालक डॉ. शरद पंडित, डॉ. अशोक डागरिया, आयोजन समिति अध्यक्ष डॉ. देव पाटोदी, डॉ. जी. एल.सोढ़ी और डॉ. महेश मालवीय आदि मौजूद थे।