मंडला। राज्य शिक्षाकर्मी संघ मप्र जिला शाखा मण्डला द्वारा हाईकोर्ट जबलपुर में दायर अवमानना याचिका क्र 1635/2012 पर गत मंगलवार को सुनवाई हुई।
माननीय न्यायाधीश संजय यादव की बेंच में अवमानना याचिका पर लगातार दो बार की सुनवाई में अध्यापकों को गृहभाड़ा भत्ता का लाभ दिये जाने के सम्बंध में की गई कार्यवाही से अवगत नहीं कराने पर तीसरी सुनवाई में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की तत्कालीन सचिव श्रीमती कल्पना श्रीवास्तव को 24 सितम्बर को कोर्ट में व्यक्तिगत रूप से हाजिर होने का आदेश कोर्ट ने जारी कर दिया हैं।
उधर स्कूल शिक्षा विभाग ने यह कहकर अपना पल्ला झाड़ लिया है कि अध्यापक उनके विभाग के कर्मचारी नहीं हैं। राज्य अध्यापक संघ के जिला शाखा अध्यक्ष डी.के.सिंगौर ने जारी बयान में आश्चर्य व्यक्त किया है कि अध्यापकों के सम्बंध में सभी नीतिगत निर्णय स्कूल शिक्षा विभाग लेता है और वेतन व्यवस्था भी स्कूल शिक्षा विभाग की होती है।
अतः गृहभाड़ा भत्ता दिये जाने का निर्णय भी स्कूल शिक्षा विभाग को ही लेना था। लेकिन न्यायालय के अवमानना का कोप भाजन बनने के भय से स्कूल शिक्षा ने अपने आप को अलग कर लिया है। यद्यपि संघ ने अवमानना याचिका में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की तत्कालीन सचिव कल्पना श्रीवास्तव को ही प्रतिवादी बनाया था।