रायसेन का बिल्लारी बना ग्राम पठारी: खनिज संपदा की खुली लूट

रायसेन(हबीब सिद्दीकी)। जहां प्रदेश सरकार के मुखिया जन आशीर्वाद यात्रा निकालकर तीसरी पारी के लिए आशीर्वाद मांग रहे वहीं दिन -प्रतिदिन विपक्ष द्वारा अवैध उत्खन्न को संरक्षण देने के आरोपों से सरकार की नींद उड़ी हुई है क्योंकि इस कृत में ज्यादातर सत्ताधारी दल के रसूखदार लोग संप्लित है।

वहीं रायसेन जिला भी इससे अछूता नहीं है वैसे तो पूरे जिले में अवैध उत्खन्न और परिवहन जोरों पर यहा खनिज विभाग का नहीं खनिज माफियों का राज चलता है और अधिकारियों के लिए नियम कायदे मायने नहीं रखते और ना ही राजस्व से कोई उन्हें सरोकार है। वो तो सिर्फ अपनी जेब भरने में लगे है।

माफिया राज:

मुख्यालय से महज चंद किलोमीटर सागर मार्ग स्थित ग्राम पठारी इन दिनों काफी समय से बिल्लरी बना हुआ है। यहा सरकार चरोखर भूमि एवं वन भूमि पर जमकर पत्थर,भसुआ,मुरम व ईंट का अवैध उत्खन्न एवं निर्माण बदस्तूर जारी है। ऐसा नहीं है कि यह मु यालय के वरिष्ठ अधिकारियों को नहीं दिखता हो पर खनिज अधिकारी एवं राजस्व अधिकारी चंद सिक्कों के लिए अपना जमीर बेंच कर सत्ताधारी दल के एक नेता को उक्तकृत करने की मौन स्वीकृति प्रदान किए है।

कई बार शिकायते भी हुई पर अधिकारी जांच का कहते तो है पर करते नहीं। ग्राम पटवारी हल्का न बर 24 के खसरा न बर 2 चरोखर निस्तार की भूमि पर प्रतिदिन दर्जनों ड पर मुरम,भसुआ,पत्थर खोद कर बाजार बेंचा जा रहा है। साथ ही इसी भूमि पर कई र्इंट भट्टे बिना अनुमति के संचालित हो रहे है। सूत्रों की माने तो यह से प्रतिवर्ष माफिया और अधिकारी मिलकर करोड़ों की राजस्व चोरी कर ही रहे है अवैध उत्खन्न भी खबर तो यह तक है कि इस कमाई का हिस्सा जिला स्तर से ऊपर तक जाता है और नहीं तो वह क्या कारण है कि सत्ताधारी दल के खनिज माफिया के विरूद्ध कोई कार्रवाई की हि मत नहीं जुटा पाता। कुछ लोग दबी जुबान में यह जरूर कहते है कि उक्त माफिया की पकड़ मंत्री से लेकर सतरी तक है सब सेटिंग से होता है।

अधिकारी को अप डाउन से फुर्सत नहीं:

मु यालय पर पदस्थ प्रभारी खनिज अधिकारी पदस्थापना के बाद शायद ही कोई बिरला दिन हो जो मु यालय पर रूके हो और रूके भी क्यों ऐश परास्त उक्त अधिकारी को सरकार क्वाटर में नींद जो नहीं आती उन्हें तो करोड़ों के एसी मकान में सोनेकी आदात है। जिस कारण रोज भोपाल से देर से आना और जल्द जाना इनकी आदत बन गया है। गौरतलब बात यह है कि यह स्वयं तो अपडाउन करते है और खुद के साथ कार यह सरकारी जीप से बाकी स्टाफ को भी उक्त सुविधा प्रदान करते है। जबकि देखने दिखाने को इन्होंने सरकारी आवास भी ले रखा है। उसमें खनिज विभाग के बड़े बाबू निवास करते है। इस बात की पुष्टि या तो इनके मोबाईल नेटवर्क से ली जा सकती है या फिर दोबार इस सरकारी आवास में चोरों ने धावा बोला पर अधिकारी की जगह पुलिस में रिपोर्ट बड़े बाबू द्वारा दर्ज कराई गई।

वन बैरियर मात्र कमाई का जरिया : वैसे तो मु यालय के सागर मार्ग पर वन विभाग की जांच सौंपी बनी हुई है जो हर आने जाने  वाले लोक सेवा यान को चैक करता है परन्तु आज तक वह पर पदस्थ अमले की नजर ऐसे अवैध परिवहन के ड परों पर क्यों नहीं जाती यह एक सवाल है। सूत्रों की माने तो कुछ पैसों के लिए इन ड परों को नहीं देखा जाता।

क्यों नहीं हुई निलंबन की कार्रवाई:

विगत एक वर्ष पूर्व तत्कालीन खनिज निरिक्षक द्वारा ड पर मालिक से रिश्वत के मामले में रंगे हाथ पकड़ा था इस प्रकरण में लोकायुक्त पुलिस द्वारा वर्तमान खनिज अधिकारी प्रदीप तिवारी को अपने साथी इंस्पेक्टर को बचाने के लिए की गई कार्रवाई को आधार बनाते हुए प्रदीप तिवारी सहित अन्य के खिलाफ विशेष न्यायालय में चालान प्रस्तुत किया है। इस प्रकरण में उक्त अधिकारी ने अपने साथी को बचाने के लिए लोकायुक्त द्वारा जप्त की गई रिश्वत की राशि जिसे ट्रेप की कार्रवाई के दौरान जप्त किया गया था को एम ओ प्रदीप तिवारी एवं तत्कालीन अपर कलेक्टर द्वारा शासकीय होना बताया और लोकायुक्त को पत्र लिखकर इस राशि की वापिसी की मांग की गई जिसके आधार पर लोकायुक्त पुलिस ने विस्तृत विवेचना करते हुए खनिज अधिकारी प्रदीप तिवारी को भी प्रकरण में आरोपी बनाया है। रायसेन जिला वैसे तो खनिज संपदा के मामले में धनी है जिले की राजनीति में पकड़ रखने वाले बड़े बड़े खनिज माफिया खनिज अधिकारी से मिलीभगत कर धड़ल्ले से अवैध उत्खन्न कर चांदी काट रहे है।

पहले भी हो चुकी है कार्रवाई: सूत्रों की माने तो खनिज अधिकारी पर पूर्व में अन्य जिलों में पदस्थ रहने के दौरान लोकायुक्त की कार्रवाई विचारधीन है और जिले की ही फाईलों को अगर खंगाला जाए तो कई बड़े घोटाले सामने आ जाएंगे।

निलंबन की लटकी तलवार

लोकायुक्त द्वारा भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत उक्त अधिकारी के खिलाफ चालान पेश करने के बाद निलंबन की तलवार लटक रही है और यह अपनी चटुकारिता के चलते निलंबन से बचे हुए है जबकि लोकायुक्त डीएसपी से चर्चा के बाद उनका कहना था कि भ्रष्टाचार अधिनियम चालान पेश होने से पूर्व विभाग को सूचना होती है और चालान से पूर्व ही निलंबन की कार्रवाई होती है। परन्तु वह क्या कारण है कि उक्त अधिकारी पर अभी तक इस प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं की गई और वह आज भी कुर्सी पर बैठकर दिनों दिन खनिज माफिया को सहयोग प्रदान कर रहे है और शासन के राजस्व को चूना भी लगा रहे है।

इनका कहना है
ग्राम पठारी के उत्खन्न मामले में नोटिस जारी किया है विभाग द्वारा तथ्य एकत्रित किए जा रहे है विश्वास रखिए पुख्ता कार्रवाई की जाएगी भले ही समय लग जाए।
राजीव श्रीवास्तव
वन परिक्षेत्र अधिकारी रायसेन

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