भोपाल। मध्यप्रदेश के इंदौर शहर में घरेलू हिंसा के एक मामले में कोर्ट ने माना कि पत्नी को सांवली कहना भी क्रूरता से कम नहीं है। कोर्ट ने पत्नी को सांवली कहने और दहेज मांगने के मामले में पति को आदेश दिया कि वह पत्नी को भरण-पोषण के लिए हर महीने पांच हजार रुपए दे।
दिसंबर 2003 में अंजलि की शादी सुरेश से हुई थी। सुरेश सियागंज स्थित हिंदुस्तान ट्रेडर्स में सेल्स मैनेजर है। वह बीमा एजेंट के रूप में भी काम करता है। शादी के वक्त ससुराल वालों ने अंजलि से वादा किया था कि संतान पैदा करने के लिए उस पर दबाव नहीं डालेंगे। एमबीए भी करवाएंगे। तब उन्होंने लाखों रुपए दहेज लिया था।
इसके बाद वे अंजलि को परेशान करने लगे। अंजलि के वकील केपी माहेश्वरी के मुताबिक 2009 में सुरेश ने अंजलि से कहा कि मकान बनाने के लिए मायके से पांच लाख रुपए लाओ। तुम सांवले रंग की काली महिला हो। दहेज नहीं लाई तो दूसरी शादी कर लूंगा।
अंजलि की ओर से न्यायाधीश आरके रावतकर के यहां प्रताडऩा का केस लगाया गया। कोर्ट ने माना कि पत्नी को सांवली कहकर पति ने मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताडि़त किया। इस पर पति को पांच हजार रु. हर महीने देने के आदेश दिए।