अनूपपुर। जिला मुख्यालय स्थित जनपद कार्यालय को अनूपपुर से स्थानांतरित कर पसान नगरपालिका क्षेत्र मे ले जाने के आदेश का विरोध अब कागजो से निकलकर सड़क पर दिखने लगा है 27 सितम्बर की दोपहर आधा सैकड़ा ग्रामीण तथा जनप्रतिनिधि बदरा के समाज सेवी तथा जिला पंचायत उपाध्यक्ष एमएन सिंह के सुपुत्र संग्राम सिह के नेतृत्व मे कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुच कलेक्टर को ज्ञापन सौपा ग्रामीणो का आरोप था कि इस आदेश मे प्रशासन ने तानाशाही पूर्ण रवैया अपनाया है न तो ग्रामीणो की सुनीगई है और न ही कोई प्रस्ताव पारित हुआ मनमानी करते हुये तुगलकी फरमान जारी कर दिये गये।
विरोध करने पहुचे जन प्रतिनिधियों मे जनपद अनूपपुर के उपाध्यक्ष रहे मोहन सिंह ने आरोप लगाये क ी जनपद स्थानांतरण से संबंधित किसी भी तरह का कोई भी प्रस्ताव पारित नही किया गया न तो सरपंचो की बैठक ली गई और न ही जनप्रतिनिधियों को सूचना दी गई प्रशासन ने मनमाने तरीके से जनपद स्थानांतरण का आदेश जारी कर दिया रातो रात आदेश के बाद अब अधिकारियो को कार्यालय ले जाने के लिये निर्देशित किया जा रहा है यदि जनपद का स्थानांतरण हुआ तो इसके विरोध मे हम न्यायलय की शरण लेगें ।
जनपद के स्थानांतरण के विरोध मे आये ग्रामीणो ने बतलाया की २६ सितम्बर को बदरा मे सरपंचो एवं ग्रामीणों की बैठक सम्पंन हुयी है जिसमे सर्व सम्मति से निर्णय लिया गया की यदि जनपद को अनूपपुर से पसान ले जाया जाता है तो आगामी विधानसभा चुनाव मे मतदान का बहिष्कार करने के साथ ही विरोध मे ग्रामीण आत्मदाह करने से भी पीछे नही हटेगें जनपद जहां है उसे वहीं रहने दिया जाय।
पूरे मामले मे प्रशासन अपना पल्ला झाड़ने के लिये विरोध से पीछा छुड़ा कर तानाशाही पूर्ण रवैया अपना रहा है ग्रामीणो ने यह भी मांग की कि परिसीमन के जरिये इस समस्या का स्थायी हल ढूढ़ा जा सकता है किन्तु प्रशासन परिसीमन के मामले मे प्रशासन कुछ भी कहने से अपना पीछा छुड़ाने के मूड़ मे है न तो किसी भी तरह का सवाल जवाब और न ही विरोध को शांत करने की पहल।
जिस अंदाज मे विरोध का अगाज हुआ है उससे यह स्पष्ट हो चला है की आगे आने वाले दिनो मे स्थिति और भी विकट होगी ग्रामीण निवासियो के साथ-साथ अनूपपुर नगरीय क्षेत्र के निवासी भी विरोध के लिये लंमबंद हो रहे है सभी किसी बड़े अवसर की तलाश में है। पूर्व मे जनपद के स्थानांतरण को लेकर किये गये प्रयास मे सौ दिनो तक अनवरत विरोध किया गया था इस बार भी जब तक आदेश निरस्त नही होता तब तक प्रशासन को आये दिन होने वाले विरोध प्रदर्शन से दो चार होना पड़ेगा।
वहीं इस पूरे मामले मे सब से ज्यादा चौकाने वाली बात यह रही कि भारतीय जनता पार्टी के जिलाध्यक्ष रामदास पुरी ने प्रभारी मंत्री हरिशंकर खटिक को गलत सूचना देेकर भ्रमित किया प्रभारी मंत्री ने अपने बयान मे कहा था की जनपद के स्थानांतरण संबंधित सवाल पूछने पर रामदास पुरी ने कहा था कि एैसा कोई भी आदेश जारी नही किया गया है। जिलाध्यक्ष भ्रामक जानकारी देकर आम जन क ी भावनाओं पर कुठाराघात कर रहे है।