पीक आवर्स के नाम पर जेब काटने का प्लान ले आए सिंधिया

भोपाल। भारत के बिजली मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ‘पीक आवर्स पॉलिसी’ ले आए हैं। इसके तहत जब देश में बिजली का खर्चा ज्यादा होता है यदि उस वक्त आप भी बिजली जलाओगे तो निर्धारित से ज्यादा पैसा चुकाना पड़ेगा।

यदि सिंधिया की यह ‘पीक आवर्स पॉलिसी’ लागू हो जाती है तो आम उपभोक्ताओं के लिए बिजली के दाम अब 24 घंटे एक समान नहीं रहेंगे। दिन के सामान्य घंटों में सामान्य दरें लगेंगी जबकि पीक आवर्स में आपको एक्स्ट्रा चार्ज देना होगा।

सिंधिया का मानना है कि एक्स्ट्रा चार्ज के नाम पर लोग बिजली की खपत कम करेंगे और ऐसी स्थिति में सप्लाई ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंच पाएगी।

सिंधिया ने माना कि 2004 में सत्ता में आने पर यूपीए सरकार ने 2012 तक सभी घरों में बिजली उपलब्ध कराने के लिए ‘पॉवर टू ऑल’ का जो वादा किया था, वह पूरा नहीं हो पाया। इसके लिए उन्होंने राज्य सरकारों को जिम्मेदार ठहरा दिया।

उन्होंने कहा कि सभी को बिजली मुहैया कराने के लिए केंद्र सरकार राजीव गांधी विद्युतीकरण योजना के तहत राज्यों की मदद करती है, योजना पर राज्यों को ही अमल करना है।

सिंधिया ने कहा कि बिजली उपलब्ध कराने के लिए राज्यों को ही ज्यादा बिजली पैदा करनी होगी, केंद्र तो सिर्फ मदद ही कर सकता है। बिजली वितरण नेटवर्क को मजबूत बनाने के लिए राज्यों को और काम करना होगा।

सिंधिया से जब पावर फाइनेंस कारपोरेशन (पीएफसी) की उस रेटिंग रिपोर्ट का जिक्र किया गया, जिसमें नरेंद्र मोदी के गुजरात की तीनों वितरण कंपनियों को सबसे अग्रिम स्थान मिला है, तो मंत्री ने कहा कि उन्हें गुजरात की वितरण कंपनियों के कामकाज की सराहना करने से कोई ऐतराज नहीं है। हालांकि, उन्होंने मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के कामकाज पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।

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