भोपाल। नीमच जिले में पदस्थ एक सहायक अध्यापक खुद को सस्पेंड करवाने के लिए यहां वहां दर दर भटक रहे हैं। उनका कहना है कि मैं 6 महीने जेल में रहा, लेकिन मेरे अफसर मुझे सस्पेंड नहीं कर रहे। जिससे शेष कार्रवाईयां भी रुकी हुईं हैं।
सहायक अध्यापक उदयलाल जटिया न्याय की प्रत्याशा में एक ईमेल भोपालसमाचार.कॉम की ओर भी भेजा है ताकि विभागीय अफसरों के संज्ञान में मामला आ सके। हम उनका यह ईमेल शब्दश: यथावत प्रकाशित कर रहे हैं आप भी पढ़िए क्या कुछ लिखा है उदयलाल ने अपने मेल में:—
महोदय निवेदन है कि मै सहायक अध्यापक के पद पर विगत 15 साल से कार्यरत हूॅ ।मुझे पुलिस ने एक फर्जी प्रकरण में रुपये ऐंठने के उद्देश्य से गिरफ्तार किया था मै पुलिस अभिरक्षा में दिनों 27 मई 2012 से 7 नवंबर 2012 तक रहा। मप्र कर्मचारी आचरण नियम 1966 के नियम 9 उपनियम 2 के भाग अनुसार मुझे 48 घ्ण्टे से अधिक अवधि में पुलिस अभिरक्षा में रहने के कारण गिरफ्तारी दिनांक से निलंबित किया जाना चाहिए पर विभाग द्वारा कोई कार्यवाही नही कि जा रही है। जिससे मुझे जीवन निर्वाह भत्ता भी नही मिल रहा है।
करीबन 18 माह हो गये है। संकुल प्रभारी द्वारा आगे कोई जानकारी नही भेजने के कारण नियोक्ता कार्यवाही नही कर रहा है संकुल प्राचार्य वेसे तो 1 दिन अनुपस्थित रहने पर कारण बताओ सूचना पत्र जारी कर देता है लेकिन 18 माह होने के बावजूद मेरे खिलाफ कोई कार्यवाही नही की।
मै 2 बार कलेक्टर महोदय नीमच को भी जनसुनवाई में आवेदन दे चुका हूं पर मेरी कोई नही सुन रहा है। मेरी जीविका का एक मात्र साधन नौकरी है मुझे 18 माह से वेतन नही मिल रहा है। जिससे मेरी आजिविका चलाने में भारी परेशानी आ रही है। कृपया मेरी मदद करें।
उदयलाल जटिया
सहायक अध्यापक
प्रावि लालपुरा संकुल केंद्र रतनगढ जिला नीमच म.प्र.
अब देखना यह है कि इस प्रकरण के प्रकाश में आने के बाद विभागीय अधिकारी एवं कर्मचारी संगठन क्या कुछ कदम उठाते हैं।