अस्पताल के बरामदे में हो गई डिलेवरी, किसी ने मदद नहीं की

भोपाल। गांधी मेडिकल कॉलेज से संबद्ध सुल्तानिया जनाना अस्पताल द्वारा मरीजों को दी जा रही उच्चस्तर की स्वास्थ्य सेवाओं के कसीदे उस समय फीके पड़ गए जब अस्पताल में बेड न मिलने पर एक प्रसूती ने बरामदे में ही मृत बच्चे को जन्म दे दिया।

हैरानी की बात यह है कि प्रसव के दौरान डॉक्टर सहित पूरा स्टाफ हाथ बांधे खड़ा रहा। करोंद स्थित पूजा कॉलोनी निवासी वृन्दावन शर्मा ने बताया कि उसने 10 अगस्त की शाम करीब चार बजे अपने छोटे भाई घनश्याम शर्मा की गर्भवती पत्नी पूजा शर्मा (30 वर्ष) को सुल्तानिया अस्पताल में भर्ती कराया।

बेड न होने के चलते डॉक्टरों ने बरामदे के कोने में जगह दी। कोई भी डॉक्टर पहले तो मरीज को देख ही नहीं रहा था बाद में जैसे तैसे उसे दो इंजेक्शन लगाए गए। शाम करीब 6 बजे महिला को तेज दर्द उठा। बावजूद इसके डॉक्टर उक्त महिला को देखने नहीं आर्इं। बल्कि रात में 2 बजे तक डिलीवरी होने की रट लगाती रहीं।

कुछ देर बाद जब महिला बच्चे को जन्म देने लगी तभी भी कोई डॉक्टर न तो उसे देखने आई और न ही अन्य कोई स्टाफ। शर्मा ने बताया कि बच्चा जन्म के समय ही मृत था। इससे पहले सोनोग्राफी में पेट में बच्चे को मृत पाया गया था, जिससे महिला की जान को खतरा देखते हुए सुल्तानिया में भर्ती कराया गया था।


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