राजधानी की सड़कें या मौत का कुआं

भोपाल। पुराने भोपाल की सड़कों पर हर कदम पर मौत का खतरा बना है, लेकिन जिम्मेदार जनप्रतिनिधि और अफसर आंखें मूंदे हुए हैं। भोपाल के सांसद कैलाश जोशी, नगरीय प्रशासन मंत्री बाबूलाल गौर, विधायक आरिफ अकील, धु्रवनारायण सिंह, विश्वास सारंग लापरवाही बरत रहे हैं।

इससे किसी भी दिन भयावह हादसा हो सकता है। यह कहना है गैस पीड़ित महिला उद्योग संगठन के संयोजक अब्दुल जब्बार का, जोकि शनिवार को मीडिया से मुखातिब थे। जब्बार ने बताया कि जनप्रतिनिधि लापवरवाही बरत रहे हैं, जिससे सड़कों की हालत सुधर नहीं पा रही है।

हद तो यह है कि सड़कों के फोटो के साथ समस्या के बारे में ज्ञापन सौंपने के बाद भी सांसद या विधायकों ने कोई ध्यान नहीं दिया है। इसी तरह से नगर निगम के अधिकारियों ने भी सुधार करने के बजाय की आपराधिक लापरवाही बरती है। बीते 5 जून 13 निगम के संधारण वाली सड़कों के फोटो भेजे गए थे, लेकिन सुधार शुरू तक नहीं हो सका है। इसके विरोध में गैस पीड़ित सांसद और विधायकों के साथ ही महापौर का घेराव करेंगे।

संगम टॉकिज के समीप ओवर ब्रिज रोड का खुला नाला चेम्बर। रेलवे स्टेशन बजरिया में खुले पडे होल बन चुके हैं सामूहिक मूत्रालय। समानांतर रोड, स्टेशन प्लेटफार्म-6 की ओर खुले नालों के मेन होल्स। कीचड़ से ग्रस्त ऐशबाग क्षेत्र का दृश्य, जहां के रहवासी परेशान हैं। कीचड़ से ग्रस्त उबड़-खाबड़ कृष्णा नगर का मुख्य मार्ग।

कीचड़ से ग्रस्त खुशीपुरा-चांदबड़ मार्ग। कीचड़ से ग्रस्त गड्ढों में तब्दील कबीटपुरा मार्ग। भोपाल टॉकीज चौराहा के नाले का चैंबर्स, हादसे को दावत देता हुआ। नूर महल रोड नाला पर खुले मेन होल्स। राजधानी की सड़कें गड्ढों में तब्दील हो चुकी हैं। बावजूद इसके सड़कों की मरम्मत की ओर ननि, पीडब्ल्यडी आदि जिम्मेदार एजेंसियां ध्यान नहीं दे रही हैं।

ऐसे में अब गड्ढों में चलने की विशेष ट्रेनिंग दी जाएगी। चौंकिए मत, यह कोई अभिनव सरकारी योजना नहीं है, बल्कि सड़कों की मरम्मत कराने की मांग के लगातार अनसुनी होने से चिढ़े हुए कांग्रेसी पार्षदों के विरोध का तरीका है। सड़कों के जर्जर होने के बाद भी सुधार के लिए कोरे आश्वासन मिलने के विरोध में बाल विहार, हमीदिया रोड, डीआईजी चौराह एवं अन्य गड्ढेवाली सड़कों किनारे विशेष ट्रेनिंग कैंप लगाए जाएंगे।

इन कैंपों के जरिए पैदल और वाहनों में चलने वालों को गड्ढों से बचकर निकलने के टिप्स दिए जाएंगे। पैदल चलने वालों को बताया जाएगा कि किस तरह से कूद-कूद कर गड्ढों से बचकर निकलें और एक्सीडेंट से बचें। इसी तरह वाहन चालकों को सिखाया जाएगा कि टायर घिसने और वाहन में टूट फूट से कैसे बचा जाए।

गड्ढों वाली सड़क पर चलने यानि सुरक्षित घर पहुंचने के लिए विशेष ट्रेनिंग कैंप राजधानी में सबसे पहले हमीदिया रोड पर लगाए जाएंगे। इसके बाद बालविहार और फिर डीआईजी बंगला चौराहा पर लगेंगे। यहां पर गड्ढों पर चलने का डेमो भी पेश किया जाएगा।


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