भोपाल। कलेक्टर के निर्देश पर गठित संयुक्त छापामार टीमों की कार्रवाई रस्मअदायगी तक सिमट गई है। कलेक्टर ने एसडीएम की अगुवाई में नाप तौल, खाद्य एवं औषधि, सिविल सप्लाई एवं नगर निगम अमले की पांच संयुक्त टीमें बनाकर छापामार कार्रवाई शुरु करवाई थी।
टीमों ने अभी तक उपभोक्ताओं को चपत लगा रहे बड़े व्यवसायियों की अनदेखी करके छोटे संस्थानों के खिलाफ ही कार्रवाई की है। खास बात यह है कि इन कार्रवाईयों में कलेक्टर के निर्देश का पालन ही नहीं हुआ। जांच दलों ने न तो मिनरल वाटर, शीतल पेय के सेंपल लिए और न ही आईस्क्रीम, तेल एवं घी की जांच की।
वेसे बड़े दिनों बाद बाजार में कार्रवाई करने निकले नापतौल विभाग को भी इस अभियान में आईना नजर आ गया था। करीब डेढ़ हते चली जांच में अधिकांश स्थानों में अमानक स्तर के तौल कांट पकड़ में आए।
इसके बाद भी नाप तौल विभाग चुप्पी साधे हुए है। इसी तरह होटलों में घरेलू एलपीजी सिलेंडर पकडे गए। मिलावटी और सडा हुआ सामान मिलने के बाद भी होटलों के खिलाफ छापामारी कार्रवाई को अचानक ही स्थगित कर दिया गया है।