भोपाल। मध्य प्रदेश में अब एविएशन टर्बाइन फ्यूल (एटीएफ) पर 5 प्रतिशत वैट लगेगा। यह घोषणा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज इंदौर में की। अभी तक मप्र में फ्यूल लेने से विमान कंपनियों को 23 प्रतिशत वैट चुकाना पड़ता था। इसी वजह से विमान कंपनियां मप्र में नई फ्लाइटस शुरू नहीं कर रही थी।
जबकि छत्तीसगढ़ ने दो साल पहले वैट 25 प्रतिशत से घटाकर 4 प्रतिशत कर दिया था। इसका फायदा यह हुआ कि फ्लाइट्स की संख्या बढऩे से इस्टर्न रीजन में कोलकाता के बाद रायपुर सबसे अधिक एयर कनेक्टिविटी वाला शहर बन गया है।
यहां से देश के लगभग सभी महानगरों से सीधे हवाई संपर्क हो गया है, जबकि इस रीजन के गुवाहाटी, बनारस, पटना, रांची और भुवनेश्वर जैसे बढ़े शहर काफी पीछे हैं। इतना ही नहीं, रायपुर को अब इंटरनेशनल एयरपोर्ट बनाने की तैयारी चल रही है साथ ही बिलासपुर, अंबिकापुर और जगदलपुर में एयरपोर्ट बनाने के लिए सर्वे शुरू हो चुका है।
गौरतलब है कि डेढ़ साल पहले स्पाइस जेट ने भोपाल - दिल्ली फ्लाइट बंद कर दी। इसी रूट पर लगभग दो साल पहले जेट एयरवेज ने भी सेवा शुरू की थी, जिसने दो माह में ही दम तोड़ दिया। तीन अन्य फ्लाइट्स की भी यही स्थिति हुई। खास बात यह है कि वैट घटाने से छग सरकार को कोई आर्थिक नुकसान नहीं हुआ, बल्कि फ्लाइट्स की संख्या बढ़ी और यात्रियों को देश के लगभग सभी मुख्य शहरों से हवाई सेवा की सुविधा मिली।
कनेक्टिविटी प्रदेश से बाहर
भोपाल से - मुंबई, अहमदाबाद, दिल्ली, रायपुर व हैदराबाद। (दो साल में पांच फ्लाइट बंद हुईं)
रायपुर से - चेन्नई, बंगलुरू, हैदराबाद, कोलकाता, विशाखापट्टनम, मुंबई, दिल्ली, जयपुर, नागपुर और भोपाल। (दो साल में चार फ्लाइट शुरू हुई)
सबसे अधिक हमारे यहां लगता है टैक्स
देश के बड़े राज्यों से तुलना करें तो विमान कंपनियों को एटीएफ पर मप्र में सबसे अधिक टैक्स देना पड़ता है।
छत्तीसगढ़ : 4
महाराष्ट्र : 10
बिहार, ओडिशा व झारखंड : 12.5
गुजरात : 13
राजस्थान : 14
मध्य प्रदेश : 22 ( आंकड़े : प्रतिशत में)