चंदवासा(जगदीश सिसोदिया)। चंदवासा से 3 किलोमीटर दूर ओर शामगढ से 20 किलोमीटर दूर प्राचीन धरोहर श्रीधर्मराजेश्वर मंदिर स्थित है इस मंदिर मे भगवान भोलेनाथ विराजमान हैं यह मंदिर बरसों पुराना है इस धार्मिक स्थल पर काफी दूर दराज के लोग दर्शन करने आते हैं।
यहां पर आने जाने का सिलसिला तो वर्षभर चलता रहता है लेकिन श्रावणमास मे तो भगवान भोलेनाथ की नगरी श्रीधर्मराजेश्वर मंदिर पर एक अलग ही नजारा देखने को मिलता है। मंदिर मे दर्शन के लिए भक्तो का तांता लग जाता है श्रावणमास मे सोमवार के दिन भगवान शंकर के दर्शन कर भक्त उनके चरणो मे शीश नमाते हैं ओर अपने जीवन मे मंगलमय होने की मनन्त मांगते हैं। श्रावणमास मे कावडयात्रा भी आती है भक्तगण भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक करते हैं।
इस मंदिर मे भगवान विष्णु की प्रतिमा भी स्थापित है। मंदिर के अंदर एक कुईया भी हे इस कुईया का निर्माण भिम के द्ववारा किया किया हे तथा मंदिर निर्माण मे ईट,सीमेन्ट, रेत व अन्य सामान का उपयोग नही किया गया हे ऎसा बताया जाता हे कि इस मंदिर से जमीन के अंदर उज्जेन जाने का रास्ता भी है लेकिन सुरक्षा की द्रष्टि से इसे बंद कर रखा है। मंदिर के आस पास गुफाएँ हैं जिसमे मुर्तिया स्थापित हे भिम, हाथी खुटा, बताया जाता है कि इस मंदिर का निर्माण पाण्डवो के अग्यात वास के समय हुआ इसे भीम ने एक रात मे बनाया था।
यहां पर अनोखा दृश्य देखने को मिलता हे अब इसे पर्यटन स्थल का दर्जा शासन द्ववारा मिल चुका है इसकी सुन्दरता पर्यटको का मनमोह लेती हे श्रावणमास मे भोलेनाथ के जयकारे गुंजते हे ओर हजारो श्रदालुओ का सैलाब उमड जाता हे इस मंदिर को देखने काफी दुर-दुर से लोग आते हे तथा इसकी बनावट को देखकर हेरानियत मे पड जाते हे मंदिर का निर्माण कैसे किया गया हे इसकी विशेषता यह हे कि पुरे मंदिर का निर्माण एक ही पत्थर हआ हे वैद गुफाएँ (श्रीधर्मराजेश्वर मंदिर) की तुलना महाराष्ट के अजंता एलोरा मंदिर से की गई है।