नई दिल्ली। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी की दूसरे दौर की क्लास में शुक्रवार को बारी मध्यप्रदेश के नेताओं की थी। प्रदेश इकाई की ओर से तीन महीनों में किए गए कार्यक्रमों की राहुल ने सिलसिलेवार समीक्षा की।
बैठक में प्रदेश के नेताओं की ओर से भोपाल के पास नसरूल्लागंज की रैली का हवाला देते हुए कहा गया कि प्रदेश के नेता अब एकजुट हो गए हैं और इसका असर भी दिख रहा है, लेकिन नेताओं को होंठ उस समय सिल गए जब राहुल ने पूछा कि चौधरी राकेश सिंह कहीं प्रदेश कांग्रेस की आपसी गुटबाजी के चलते तो भाजपा में नहीं गए।
राहुल के साथ हुई इस बैठक में पार्टी महासचिव व मध्यप्रदेश के प्रभारी मोहन प्रकाश के अलावा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कांतिलाल भूरिया और नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह मौजूद थे। इनके अलावा कांग्रेस महासचिव जनार्दन द्विवेदी और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के राजनीतिक सलाहकार अहमद पटेल भी बैठक में मौजूद रहे।
मोहन प्रकाश ने तीन महीने के दौरान प्रदेश इकाई की ओर से किए गए कामकाज का हिसाब राहुल को दिया। भूरिया ने संगठनात्मक गतिविधियों से राहुल को अवगत करवाया तो अजय सिंह ने विधानसभा में विश्वास प्रस्ताव के दौरान घटी स्थिति से उन्हें रू-ब-रू किया। सूत्रों के मुताबिक राहुल ने रिपोर्ट कार्ड पर संतुष्टि तो जताई लेकिन जैसे ही उन्होंने चौधरी राकेश सिंह प्रकरण का जिक्र किया और कहा कि कहीं प्रदेश कांग्रेस की गुटबाजी के चलते तो वे भाजपा में नहीं गए, इस पर किसी नेता से कोई जवाब देते नहीं बना।
रुकना नहीं चाहिए नसरुल्लागंज जैसी रैलियां
सूत्रों ने बताया कि राहुल ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के विधानसभा क्षेत्र के नसरूल्लागंज में हुई कांग्रेस की रैली जैसी और भी रैलियां करने को कहा। उन्होंने विधानसभा चुनाव में भ्रष्टाचार को मुद्दा बनाने के लिए लोकायुक्त की जांच का सामना कर रहे शिवराज सरकार में शामिल मंत्रियों के खिलाफ उनके ही विधानसभा क्षेत्रों में रैली करने का निर्देश दिया।
बैठक के बाद भूरिया ने संवाददाताओं से कहा कि बैठक में तीन महीने के कामकाज की समीक्षा की गई। उन्होंने कहा कि नसरूल्लागंज में कांग्रेस की रैली बहुत सफल रही और भारी बारिश के बावजूद लोगों ने पहुंचकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ रोष प्रकट किया।
प्रदेश के जिन नेताओं के खिलाफ लोकायुक्त में मामला है, उनके निर्वाचन क्षेत्रों में पार्टी इसी प्रकार की रैलियां आयोजित करेगी। उन्होंने यह भी कहा कि मध्यप्रदेश में भ्रष्टाचार चरम पर है। हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं। भाजपा का जो हश्र कर्नाटक में हुआ, वही हश्र मध्यप्रदेश में होगा।
चौधरी राकेश सिंह के भाजपा में शामिल होने के सवाल पर भूरिया ने कहा कि जाने वालों की क्या बात की जाए? विश्वासघात करने वालों को कांग्रेस महत्व नहीं देती। राकेश सिंह प्रकरण पर नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने कहा कि चुनावी मौसम में आया राम, गया लगा ही रहता है।