धार। मध्य प्रदेश के धार जिले में मनावर थाने से महल सौ मीटर की दूरी पर सोमवार रात चोरों ने एक न्यायाधीश की अनुपस्थिति में उनके घर में घुसकर चोरी का प्रयास किया, लेकिन गैस सिलेंडर के अलावा ज्यादा कुछ नहीं ले जा पाए। जाते-जाते चोरों ने जज के घर में बेडरूम की दीवार पर स्याही से लिख दिया- 'तूने मुझे सजा दी अब मैं तुझे सजा दे रहा हूं।' चोर अपने साथ लाया चाकू भी वहां छोड़ गए।
मनावर में पदस्थ सिविल न्यायाधीश अतुल बिल्लोरे के निवास पर अज्ञात चोरों द्वारा चोरी का प्रयास किया गया। चोरों ने सरकारी निवास की छत की सीमेंट की चादर को हटाकर घर में प्रवेश किया। चोरी के समय न्यायाधीश निवास पर नहीं थे।
इस घटना के संबंध में धार से प्रशिक्षित खोजी कुत्तों को भी बुलाया गया था, लेकिन सफलता नहीं मिली। कुत्ता थोड़ी दूर तक जाकर वापिस घटनास्थल पर आ गया। पुलिस थाना मनावर में मंगलवार को चोरी का प्रकरण दर्ज किया गया और जांच की जा रही है। आशंका है कि जज द्वारा किसी मामले में सजा पाए लोगों ने बदला लेने के लिए इस घटना को अंजाम दिया है।
नवागत टीआई वसंत नाईक के लिये नि:संदेह यह एक चुनौती है कि कथित हमलावर ने थाने के ठीक सामने न्यायाधीश के आवास में घुस कर सीधेसी धे न्याय और प्रशासन को ही ललकार दिया है। पुलिस द्वारा न्यायाधीश कार्यालय से उनके द्वारा किन-किन अपराधियों को सजा दी गई, इसका रिकॉर्ड खंगाला जा रहा है।
उक्त घटना से आक्रोशित अभिभाषक संघ के सदस्यों ने मुख्यमंत्री के नाम प्रेषित ज्ञापन में मांग की कि अपराधियों द्वारा दी जा रही धौंस से न्यायालयीन कार्य निर्भिक रूप से नहीं कर पायेंगे। अभिभाषक संघ कृत्य की निंदा करता है और सुरक्षा की मांग करता है ।
चोरी के लिए नहीं आया था वो
कथित हमलावर चोरी की नीयत से नही घुसा था, यह उसकी लिखावट से तथा सामान की उलट पलट न होने के कारण साबित हो गया। संयोग से न्यायाधीश बिल्लौरे तथा उनकी पत्नी इन्दौर गये हुए थे अन्यथा गंभीर हादसा होने की आशंका थी।नवागत टीआई वसंत नाईक के लिये नि:संदेह यह एक चुनौती है कि कथित हमलावर ने थाने के ठीक सामने न्यायाधीश के आवास में घुस कर सीधेसी धे न्याय और प्रशासन को ही ललकार दिया है। पुलिस द्वारा न्यायाधीश कार्यालय से उनके द्वारा किन-किन अपराधियों को सजा दी गई, इसका रिकॉर्ड खंगाला जा रहा है।
उक्त घटना से आक्रोशित अभिभाषक संघ के सदस्यों ने मुख्यमंत्री के नाम प्रेषित ज्ञापन में मांग की कि अपराधियों द्वारा दी जा रही धौंस से न्यायालयीन कार्य निर्भिक रूप से नहीं कर पायेंगे। अभिभाषक संघ कृत्य की निंदा करता है और सुरक्षा की मांग करता है ।