भोपाल। कई प्रदेशों में राज्य पीएससी परीक्षा के पैटर्न में बदलाव के बाद अब मध्यप्रदेश में भी पीएससी के सिलेबस में बदलाव किया जा रहा है। आयोग चाहता है कि एमपी पीएससी देने वालों को यूपीएससी जैसी परीक्षाओं के लिए अलग से तैयारी न करनी पड़े।
इसके लिए दो सदस्यों वाली एक कमेटी भी बनाई गई है जो अलग-अलग राज्यों के सिलेबस का निरीक्षण करेगी। जिस तरह यूपी में वैकल्पिक विषयों को कम किया गया है उसी तर्ज पर मध्यप्रदेश में भी वैकल्पिक विषयों को कम किया जाएगा।
हालांकि क्रिमिनोलॉजी और मिलिट्री साइंस यूपीएससी में नहीं है, लेकिन मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग इन्हें वैकल्पिक विषयों से हटाकर जनरल स्टडीज में शामिल करना चाह रहा है।
मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग एमपी पीएससी की परीक्षा का स्तर और सिलेबस इस प्रकार से बनाना चाह रहा है कि किसी को यूपीएससी की परीक्षा के लिए अलग से मेहनत न करनी पड़े।
इसके साथ यह भी ध्यान दिया जा रहा है कि दूसरे राज्य के छात्र यदि एमपी पीएससी दें तो उन्हें कहीं अतिरिक्त फायदा तो नहीं हो रहा है।
नीतियों में भी होगा बदलाव
राज्य लोक सेवा आयोग के सचिव डॉ मधुर खरे का कहना है कि हम अलग-अलग राज्यों के सिर्फ सिलेबस को नहीं देखेंगे बल्कि कोई अच्छी नीति होगी तो उसे भी अपनाने पर विचार करेंगे।
यूपीएससी में ये हुए थे बदलाव
कुछ दिनों पहले यूपीएससी ने मुख्य परीक्षा के लिए दो के बजाए सिर्फ एक वैकल्पिक विषय का प्रावधान किया था। अब दूसरा प्रश्न पत्र जनरल स्टडीज का होगा। दोनों के दो-दो प्रश्न पत्र होंगे। हिंदी, अंग्रेजी और निबंध का प्रश्न पत्र भी देना होगा। निबंध के अंक स्कोरिंग रहेंगे, जबकि हिंदी अंग्रेजी में पास होना अऩिवार्य है। आयोग अभी हिंदी का प्रश्न पत्र रखता है। हालांकि अब निबंध को लेकर विचार किया जा रहा है। अभी तक यूपीएससी की मुख्य परीक्षा में तीन निबंध लिखने की बाध्यता रही है।