भोपाल। नक्सली हमले के बाद बर्खास्ती की तलवार के नीचे आ खड़ी हुई रमन सिंह की सरकार को बचाने के प्रयास हर स्तर पर हो रहे हैं। बीते रोज केन्द्रीय गृहमंत्री के रायपुर दौरे के दौरान भी ऐसा ही हुआ। रमन सिंह ने सरकार से सुई तक नहीं मांगी। बस हां में हां मिलाते रहे।
शिंदे ने कहा कि राज्य में नक्सली हमले के बाद शुक्रवार को उन्होंने मुख्यमंत्री रमन सिंह और राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की तथा मामले की समीक्षा की। बैठक में मुख्यमंत्री सिंह ने शिंदे से कहा कि वह इस दौरान कोई मांग नहीं कर रहे हैं, लेकिन चाहते हैं कि इस समस्या से मिलकर लड़ें।
गृहमंत्री ने कहा कि नक्सली समस्या के समाधान के लिए केंद्र और राज्य सरकार मिलकर लडेंगे। इससे केंद्र एवं राज्य के सुरक्षा बलों के बीच और भी बेहतर सामंजस्य होगा। केंद्र सरकार इस समस्या के समाधान के लिए राज्य सरकार को पूरा सहयोग करेगी।
शिंदे ने कहा कि पहले जब देश के हिस्से में नक्सली घटना होती थी, तब मान लिया जाता था कि आदिवासियों के हितों के लिए तथा इन क्षेत्रों में विकास की मांग को लेकर कुछ लोग आंदोलन कर रहे हैं लेकिन अब खासकर वर्ष 2010 में 76 जवानों की हत्या तथा 25 मई की घटना से साफ हो गया है कि यह केवल आंतक ही है। इन इलाकों में काफी विकास के काम हुए हैं और हो रहे हैं, लेकिन इसके बावजूद ऐसी घटनाएं हो रही हैं।
शिंदे ने कहा कि देश के कई राज्य नक्सल प्रभावित हैं और सभी राज्य तथा केंद्र आपस में समन्वय के साथ कार्य करे हैं। इस दौरान कई स्थानों पर पुलिस ने सफलता भी हासिल की है। सुरक्षा की कमी को लेकर पूछे गए सवाल पर गृह मंत्री ने कहा कि प्राथमिक तौर पर सुरक्षा की कमी की जानकारी मिल रही है। लेकिन अभी एनआईए ने जांच शुरू की है और जांच के बाद ही इस बारे विस्तत जानकारी मिल सकेगी।
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि सभी राज्यों को खुफिया सूचना मिलती रहती है तथा उस सूचना पर उचित कार्रवाई जरूरी होती है। इस दौरान क्या कार्रवाई की गई यह भी जांच के बाद ही पता चल सकेगा। शिंदे ने कहा कि हम चाहते हैं कि सभी नक्सल प्रभावित राज्यों में आंध्रप्रदेश के ग्रे हाउंड की तरह बल बनाया जाए, जिसके लिए केंद्र सरकार पूरा सहयोग करेगी। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर राजनीति नहीं होना चाहिए।