पंजाब में चल रही थी ग्वालियर की फर्जी तहसील, तीन बिल्डर्स गिरफ्तार

भोपाल। पंजाब के अंबाला शहर में विजिलेंस ने तीन बिल्डर्स को गिरफ्तार किया है। ये तीनों ही बिल्डर्स लोगों से जमीनों का सौदा कर रहे थे और सौदे के कांगजों पर जो सील सिक्के लगे थे उनमें लिखा था तहसील ठाठीपुर जिला ग्वालियर। सनद रहे कि ग्वालियर मे ठाठीपुर तहसील नहीं बल्कि एक इलाके का नाम है।

बता दें कि पंजाब अंबाला शहर के सरकुलर रोड निवासी अशोक कुमार ने हीरा नगर में प्लाट खरीदा था, जिसकी 14 जून 2005 को रजिस्ट्री करवाई थी। शिकायतकर्ता को रजिस्ट्री पर शक हुआ और उसने जांच की। पता चला कि जहां पर पॉवर ऑफ अटॉर्नी बनाई गई है, वहां पर कोई तहसील ही नहीं है। ठाठीपुर नाम की कोई भी तहसील ग्वालियर तो क्या पूरे मध्यप्रदेश में कहीं नहीं है।

पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि 8 जून 2005 को फर्जी अटॉर्नी अरविंद्र के नाम से मुख्तयारनामा था और प्लाट शहर के हीरा नगर में था। मामला काफी समय तक घूमता रहा, इसके बाद 13 अक्टूबर 2008 को विजिलेंस ने फर्जी तहसील बनाकर नकली पॉवर ऑफ अटॉर्नी तैयार करने वाले आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया था।

तभी से विजिलेंस मामले का सुराग लगाने में जुटी हुई थी। इसके बाद स्टेट विजिलेंस ब्यूरो ने जंडली निवासी अरविंद्र सिंह, पालिका विहार निवासी सुरेश कुमार और मनाली हाऊस निवासी गौतम शर्मा को गिरफ्तार कर लिया है।

बताया जा रहा है कि तीनों का नाम बड़े प्रोपर्टी डीलरों में गिना जाता है। विजिलेंस ने तीनों आरोपियों को शुक्रवार अदालत में पेश किया और सात दिन का रिमांड मांगा। इस दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से एडवोकेट विवेक सचदेवा, अनिल कौशिक व उमरीश गांधी पेश हुए, जहां उन्होंने रिमांड की अवधि पर आपत्ति जता दी कि मामला काफी पुराना हो चुका है।

इसके बाद अदालत ने तीनों आरोपियों को चार दिन के रिमांड पर विजिलेंस के सुपुर्द कर दिया है। स्टेट विजिलेंस ब्यूरो के इंस्पेक्टर शमशेर सिंह ने बताया कि गिरफ्तार किए गए आरोपियों से मोहरें बरामद की जाएंगी। आरोपियों को पूछताछ के लिए ग्वालियर ले जाया जाएगा।

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