बुरहानपुर। मध्य प्रदेश के बुरहानपुर जिले में निकली एक बारात हर किसी को अचरज में डाल देने वाली थी, क्योंकि इस बारात में बैंड-बाजे, बाराती सब कुछ आम बारातों की तरह था, लेकिन घोड़े पर दूल्हा नहीं दुल्हन सवार थी। यह बारात दूल्हे को शादी का न्यौता देने के लिए निकाली गई थी।
गुजरात के पाटीदार पटेल समाज की परंपरा है कि दुल्हन शादी से पहले घोड़े पर सवार होकर दूल्हे को यह न्यौता देने जाती है कि वह उसके घर बारात लेकर पहुंचे और उसे अपना जीवनसाथी बनाए। इसी परंपरा के मुताबिक, सपना पाटीदार घोड़े पर सवार होकर अपने होने वाले शौहर के घर पहुंची।
सपना पूरी तरह दूल्हे की तरह ही सजी-धजी थी। चटख नीले रंग का सलवार सूट पहने सपना के सिर पर राजशाही पगड़ी थी और उनकी घोड़े की सवारी हर किसी का ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर रही थी। दूल्हे को न्यौता देने जा रही सपना की बारात में बैंड-बाजे की धुन पर बाराती थिरक रहे थे।
सपना ने इस पर गर्व जताया कि वह अपनी बारात लेकर निकली। घोड़े पर बैठने की इच्छा हर किसी की होती है, लिहाजा उसे भी अच्छा लगा। इस तरह के रिवाज नारी सशक्तीकरण का संदेश भी देते हैं।
पाटीदार समाज के प्रतिनिधि प्रवीण ने कहा कि उनका समाज शुरू से ही महिला सशक्तीकरण का पक्षधर रहा है। लगभग साढे तीन साल पुरानी परंपरा को वे आज भी जीवित रखे हुए हैं।
समाज के अन्य लोगों का कहना है कि पाटीदार समाज की यह परंपरा बताती है कि नारी का सम्मान पुरातन काल से होता रहा है, प्रशासन व शासन को भी महिला सशक्तीकरण की इस परंपरा का प्रचार-प्रसार करना चाहिए।