भोपाल। कलेक्टोरेट में गुरुवार को भी कोई काम नहीं हो सका। न प्रमाण-पत्र बने और न ही पेशी हो सकी। यह स्थिति सभी अधिकारियों के एक साथ चुनाव की ट्रेनिंग पर जाने के कारण पैदा हुई है। इसके कारण तमाम लोग अपने काम के लिए भटकते रहे।
इधर अधिकारियों के ट्रेनिग पर जाने से बाबुओं के भी ऐश हो गए हैं। तीन दिन से चल रही ट्रेनिंग कार्यक्रम के दौरान बाबुओं ने अपनी कुर्सी पर बैठना भी मुनासिब नहीं समझा।
आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर जिले के रिटर्निंग व सहायक रिटर्निंग अधिकारियों को 18 से 20 जून तक ट्रेनिंग दी जा रही है। कलेक्ट्रेट कार्यालय सहित अन्य नजूल वृत्तों में पदस्थ सभी एसडीएम,डिप्टी कलेक्टर, तहसीलदार, नायब तहसीलदार, एसएलआर इस ट्रेनिंग में हिस्सा ले रहे हैं।
इसके चलते कलेक्टोरेट ही नहीं नजूल कार्यालयों में सन्नाटा पसरा है। लोगों को प्रमाणपत्र पाने के लिए इधर उधर भटकना पड़ रहा है, जो अधिकारी उपस्थित हैं, वह इनके डिस्पोजल भी नहीं कर सकते हैं। ऐसे में सबसे ज्यादा दिक्कत छात्रों को हो रही है। वे मूलनिवासी, स्थानीय निवासी, जाति, आय आदि प्रमाण पत्र के लिए दिन भर लोक सेवा केंद्र के चक्कर काट रहे हैं।
कलेक्टोरेट में यह काम हो रहे प्रभावित
अधिकारियों की गैर- मौजूदगी के चलते क्लेक्ट्रेट में होने वाले राजस्व संबंधी सारे काम प्रभावित है। इधर यहां होने वाली विभिन्न पेशियों को भी आगामी तारीखें जारी कर दी गई है। अधिकारियों के दस्तखत न होने के चलते यहां के बाबुओं ने भी किसी तरह के नए काम को हाथ में लेने से इंकार कर दिया है। लौटना पड़ा खाली हाथ ग्राम गुनगा
से आए जय विश्वकर्मा ने बताया कि वे अपनी जमीन की लीज का रिन्यूवल कराने आए थे। सुबह घर से निकलकर दो-तीन वाहन बदल वे क्लेक्टोरट कार्यालय पहुंचे हैं। यहां साहब लोग ही नहीं है। बाबू ने कह दिया कि अब काम अगले सप्ताह ही हो पाएगा। जमीन संबंधी मामले की पेशी पर आए नजीर अहमद ने कहा कि अगली तारीख थमा दी गई है। बार-बार आने में जहां समय खराब हो रहा है, वहीं पैसा भी खर्च हो रहा है।