शनिजयंती पर बन रहा है अनूठा संयोग, अवश्य करें अभिषेक, दान, प्रार्थना एवं क्षमायाचना

आचार्य अशोक भारद्वाज। शनि महाराज का जन्म जेष्ठ माह की अमावस्या तिथि को हुआ था। यह तिथि 2013 में आठ जून को है। कन्या, तुला एवं वृश्चिक राशि वालों की इन दिनों साढ़ेसाती चल रही है और कर्क एवं मीन राशि वाले शनि की ढैय्या के प्रभाव में हैं।

इनके अलावा जिन लोगों की कुण्डली में शनि की दशा चल रही है उनके लिए शनि के प्रकोप में कमी लाने के लिए शनि जयंती बहुत उत्तम दिन है। इस वर्ष शनि जयंती पर बहुत ही दुर्लभ योग बन रहा है जो इस मौके को और भी प्रभावशाली बना रहा है।

ज्योतिषशास्त्र में कहा गया है कि शनि न्यायकर्ता के साथ ही साथ भाग्य विधाता भी हैं। जिनकी कुण्डली में शनि नवम भाव में बैठे हों अथवा जिनका जन्म मिथुन अथवा वृष लग्न में होता है शनि उनके जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इसलिए इन्हें शनि देव को हमेशा खुश रखना चाहिए।

इन लोगों को शनि जयंती पर शनि की पूजा करनी चाहिए और शनि से संबंधित वस्तुओं का दान करना चाहिए। ज्योतिषशास्त्री चन्द्रप्रभा के अनुसार तिथियों में अमावस्या तिथि के स्वामी शनि महाराज हैं। हर साल अमावस्या तिथि को शनि जयंती मनायी जाती है लेकिन बड़ी बात यह है कि इस वर्ष शनि जयंती 8 जून को है।

अंक ज्योतिष में शनि का अंक आठ माना गया है। दूसरा बड़ा संयोग ये है कि शनि जयंती शनिवार को पड़ रही है। शनि महाराज का जन्म इसी दिन हुआ है। इसलिए वैदिक ज्योतिष में बताया गया है कि शनिवार के स्वामी शनि महाराज हैं। एक अन्य शुभ संयोग यह है कि शनि महाराज इन दिनों अपनी उच्च राशि तुला में चल रहे हैं।

इसलिए इस वर्ष शनिवार का दिन शनिमय हो गया है। जीवन में कभी न कभी शनि का प्रभाव सभी के जीवन पर पड़ता है इसलिए शनि को हमेशा खुश रखें ताकि इनकी दशा में कष्ट नहीं सुख ही सुख प्राप्त हो।

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