भोपाल। समान वेतन की मांग को लेकर 23 जून को भोपाल में आ रहे आंदोलनकारी अध्यापकों ने तय किया है कि वो अपने एक दिन का वेतन उत्तराखंड के लिए देंगे, लेकिन सरकार से अपना हक भी हर हाल में लेकर रहेंगे।
प्रदेश में अध्यापकों के बिखराव को समेटने वाली आम अध्यापक की अध्यापक कोर कमेटी ने 23 जुन को प्रदेश के सभी अध्यापको से शाहजनी पार्क में जुटने की अपील की है। ज्ञात हो कि प्रदेश के मुख्यमंत्री कई बार सिर्फ अध्यापको को आश्वासन देकर पीछे हट चुके हैं।
नाराज अध्यापको ने इस बार समान वेतन के लिए आन्दोलन का रास्ता अख्तियार किया है। आम अध्यापक ने अध्यापक कोर कमेटी को समर्थन देकर अब आर पार की लड़ाई की बात कही है। 22 जून को सिहोर से अध्यापक स्वाभिमान बचाओं यात्रा निकाली जाना थी किन्तु फेसबुक पर अध्यापको के सर्वेक्षण से यह फैसला लिया गया की श्रृद्वालुओं की मौत के कारण वो भी दुखी है। वे इस संकट के समय प्रदेश में अस्थिरता नही लाना चाहते। इसलिए सिहोर की यात्रा का स्थगित कर वादा निभाओं धरना प्रदेश के अध्यापको द्वारा किया जा रहा है।
यह आयोजन भोपाल में होगा। अध्यापक कोर कमेटी ने कहा है कि वो अब स्वाभिमान के साथ अपने अधिकार को हासिल करेंगे। इस बार वो बच्चो की पढाई को प्रभावित करने के पक्ष में नही है। कमेटी की और से कहा गया है कि यदि सरकार हमारे लिए गम्भीर नही है तो हम अन्य तरिको को अपनाएंगे। प्रदेष के अध्यापको को एक जुट होने का आहवान किया गया है।
क्या है अध्यापक कोर कमेटी
प्रदेश में अध्यापको के विविध संगठनो के कारण सरकार उनमें फूट डालकर अध्यापको के हित में निर्णय नही ले रही थी। जितने संगठन उतने नेता होने के कारण प्रदेष में आन्दोलन प्रभावी नही हो पाता था। अध्यापक कोर कमेटी ने प्रदेश के सभी अध्यापक ,सविंदा शिक्षक, गुरूजियों एवं अतिथि शिक्षकों का एक संगठन बना कर सरकार के लिए बड़ा सिरदर्द पैदा कर दिया है।
इस संगठन में किसी व्यक्ति विशेष को नेता का दर्जा नही दिया गया है 11 सदस्यो ने आन्दोलन को अपने हाथ में लेकर यह सार्थक पहल कर दी है। माना जा रहा है कि यदि सरकार ने अध्यापको के हित में समान कार्य समान वेतन और षिक्षा विभाग में सम्विलियन की मांग को शीघ्र पूरा नही किया तो विचार धारा को बढावा देने वाले इस संगठन से प्रदेश की पुरी शैक्षणिक व्यवस्था भरभरा जाएगी।
कोर कमेटी ने सरकार के सामने उत्तराखण्ड के लिए एक दिन के वेतन काटे जाने के आदेश प्रसारित किये जाने की बात रखी है वही सरकार को एक सप्ताह में निर्णय लेने के लिए भी कहा है।