फर्जी खाते में फर्जी चैक लगाकर निकाल लिए 11 लाख, बैंक ने बेरिफाई ही नहीं किया

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भोपाल। फर्जी तरीके से स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की नेहरू नगर शाखा में खाता खुलवाने के बाद दो जालसाजों ने करीब सवा दस लाख रुपए निकाल लिए। इससे पहले आरोपियों ने बैंक में करीब 11 लाख रुपए के दो फर्जी चेक जमा किए। चेक कानपुर की एक कंपनी के नाम से थे। खुलासा उस वक्त हुआ, जब कानपुर स्थित बैंक से चेक फर्जी होने की जानकारी मिली।

एसबीआई की नेहरू नगर शाखा में सचिन धामलिया और रूपेश कुमार पांडे नाम के दो युवकों ने 26 दिसंबर 2012 को खाते खुलवाए थे। इसके लिए दोनों ने बैंक को सभी जरूरी दस्तावेज उपलब्ध करवाए। इसके बाद सचिन ने मेसर्स स्टर्न स्पोर्ट्स जाजमऊ, कानपुर के नाम से पांच लाख 45 हजार रुपए का चेक अपने खाते में जमा किया। उसी दिन रूपेश ने भी उसी कंपनी के नाम से पांच लाख 56 हजार रुपए का चेक अपने खाते में जमा किया।

बीती 29 मई को रूपेश ने अपने खाते से दो लाख, फिर तीन लाख रुपए निकाल लिए। वहीं, सचिन ने 30 मई को अपने खाते में जमा रुपए में से 4 लाख 60 हजार रुपए निकाले। दोनों चेकों से उनके खाते में जमा रकम की जानकारी कानपुर एसबीआई बैंक से नेहरू नगर शाखा को 3 जून को मिली। इसमें सामने आया कि बैंक में लगे दोनों चेक फर्जी थे। फर्जीवाड़े का खुलासा होने के बाद मामले की जांच गोपनीय ढंग से करवाई गई। इसमें पता चला कि रूपेश का असली नाम अभिषेक शर्मा है, जबकि सचिन वास्तव में सतीश सिंह रजावत है, जो भोपाल के ही एक इंजीनियरिंग कालेज में बीई तृतीय वर्ष के छात्र हैं।

शाखा प्रबंधक प्रदीप त्यागी ने इस फर्जीवाड़े के संबंध में कमला नगर पुलिस से शिकायत की। इसकी जांच के बाद पुलिस ने दोनों आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी समेत अन्य धाराओं में मामला दर्ज कर लिया है। मामले की जांच के दौरान पुलिस को इनके अन्य साथियों के बारे में भी पता चला है। इनमें एसएएफ का निलंबित जवान भी शामिल हैं।
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