पलटवार: नोटिस का जवाब तो मैं दे दूंगा, सीएम मेरे सवालों का जवाब भी दें: अजय सिंह

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भोपाल। सीएम शिवराज सिंह चौहान द्वारा मानहानि का नोटिस थमाने के बाद नेताप्रतिपक्ष ने आज फिर पलटवार करते हुए मामले को रिश्तेदारों पर केन्द्रित करने का प्रयास किया है। उन्होंने कहा कि नोटिस का जवाब तो मैं दे दूंगा, लेकिन सीएम मेरे सवालों का जवाब भी तो दें।

हम नेताप्रतिपक्ष के आफिस से जारी प्रेस रिलीज को शब्दश: यथावत प्रकाशित कर रहे हैं, ताकि अपने अपने भावार्थ सभी पाठकगण निकाल सकें:-

एक महीने बाद याद क्यों आई कि मानहानि हो गई

नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से पूछा है कि कहीं उनके परिवारजनों की संपत्ति और उनके मुख्यमंत्री होने का बेजा फायदा उठाने की जानकारी मांगने से विचलित होकर तो उन्होंने कानूनी नोटिस नहीं दिया है। श्री सिंह ने कहा कि नहीं तो क्या कारण है कि एक माह पूर्व मेरे नाम से प्रकाशित किसी बयान पर उन्होंने मुझे नोटिस दिया। उन्होंने मुख्यमंत्री को स्मरण कराया कि 14 जून को उन्होंने जो उनके परिजनों की संपत्ति सार्वजनिक करने के संबंध मे पत्र लिखा है वे भी जवाब उसका दें।


नेता प्रतिपक्ष ने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में कहा है कि उन्हें समाचार पत्रों से 21 जून को यह पता चला कि आपने 9 मई और 4 जून को परिवर्तन यात्रा के दौरान किसी बयान को लेकर मुझे कानूनी नोटिस दिया है। यह नोटिस मिलने पर में आपको इसका कानूनी जवाब तो दूंगा ही लेकिन यह नोटिस आपको मुझे उन दो पत्रों के लिखने के बाद ही क्यों मिला जो मैंने 14 जून 2013 को आपको लिखे। अपनी मानहानि का अहसास इतने विलंब लगभग एक माह से अधिक समय के बाद क्यों हुआ।

आदित्य कंस्ट्रक्शन की जानकारी मांगी तो विचलित हो गए सीएम

श्री सिंह ने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में कहा कि स्पष्ट है कि आप अपने परिजनों की पिछले दस साल में कमाई गई संपत्ति का हिसाब पूछने और अपने भाई रोहित सिंह चौहान की आदित्य कंस्ट्रक्शन कंपनी के कागजात सूचना के अधिकार के तहत पीडब्ल्यूडी द्वारा उपलब्ध न कराए जाने में संबंध में लिखे गए पत्रों से विचलित हुए हैं। आपने उससे विचलित होकर ही मुझे कानूनी नोटिस भेजा है।

मूल मुद्दे से भटकाना चाहते हैं सीएम

नेता प्रतिपक्ष श्री सिंह ने कहा कि शिवराज सिंह चौहान मूल मुद्दे से ध्यान बांटने के लिए ओछे और निचले स्तर के हथकंडे अपना रहे है लेकिन अपने परिवार की संपत्तियों और शासन का बेजा फायदा उठाने संबंधी प्रश्नों का जवाब देने से वे कन्नी काट रहे हैं। नेता प्रतिपक्ष ने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में कहा कि उनकी मानहानि का नोटिस का जवाब तो वे देंगे ही लेकिन मुख्यमंत्री से अपेक्षा है कि मेरे द्वारा 14 जून 2013 को लिखे गए उन दो पत्रों का जवाब भी वे शीघ्र ही दें जिसमें उनके परिवारजनों की संपत्ति का हिसाब मांगा गया है।

नेता प्रतिपक्ष ने 14 जून को अपने पत्र में मुख्यमंत्री को क्या लिखा था

पत्र 1: मुख्यमंत्री अपने रिश्तेदारों की संपत्ति सार्वजनिक करें

नेता प्रतिपक्ष श्री अजय सिंह ने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में कहा कि आपके नजदीकी और रिश्तेदारों में श्री संजय सिंह, श्री नरेन्द्र सिंह चौहान, श्री प्रद्युम्न सिंह चौहान, श्री रोहित सिंह चौहान, और हरीश सिंह एवं मुकेश टंडन की संपत्ति का विवरण निम्न बिंदुओं पर सार्वजनिक करें-

क्या वर्ष 2003 में आपके ये नजदीकी आयकर रिटर्न भरते थे।
वर्ष 2003 में उनके नाम पर उनके पास कुल कितनी संपत्ति थी।
वर्ष 2012-13 में उपरोक्तानुसार लोगों द्वारा प्रस्तुत किया गया आयकर रिटर्न एवं उनकी आय एवं संपत्ति का विवरण।
आपके उपरोक्त नजदीकी और रिष्तेदारों का व्यवसाय क्या है।

नेता प्रतिपक्ष श्री सिंह ने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में उपरोक्त बिंदुओं के आधार पर उल्लेखित व्यक्तियों की जानकारी मय दस्तावेजों के सार्वजनिक करने एवं इसकी प्रतिलिपि उन्हें उपलब्ध कराने को कहा है।

पत्र 2: मुख्यमंत्री अपने भाई की फाइल ढुंढवाएं

नेता प्रतिपक्ष श्री अजय सिंह ने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में कहा कि उनके भाई रोहित सिंह चौहान के नाम रजिस्टर्ड मेसर्स आदित्य कंस्ट्रक्शन कंपनी के पंजीयन किए जाने की जानकारी मांगने पर लोकनिर्माण विभाग ने आवेदक अजय सिंह बघेल को 31 मई 2013 को लिखित जानकारी में बताया कि आदित्य कंस्ट्रक्शन कंपनी के नाम पर कोई भी ठेकेदार उनके यहां रजिस्टर्ड नहीं हैं जबकि इसी विभाग ने विधायक पुरूषोत्तम दांगी द्वारा मांगी गई जानकारी में 17 मार्च 2012 को बताया कि मेसर्स आदित्य कंस्ट्रक्शन प्रो. रोहित सिंह चौहान का ए-3 श्रेणी में दिनांक 01.07.2006 को, ए-4 श्रेणी में 11.08.2006 को तथा ए-5 श्रेणी में 06.10.2007 को पंजीयन किया गया। यहीं नहीं लोकनिर्माण विभाग ने ही दिनांक 01.07.2006 को मेसर्स आदित्य कंस्ट्रक्शन कंपनी प्रो. रोहित सिंह चौहान को एक पत्र लिखकर सूचित किया कि उनका नाम विभाग के पंजीयन ठेकेदारों की सूची में तीन श्रेणी में पंजीकृत की जाती है।

नेता प्रतिपक्ष श्री सिंह ने कहा कि ये वहीं मुख्यमंत्री है जिन्होंने कांग्रेस द्वारा नवंबर 2011 में लाए गए अविश्वास प्रस्ताव के जवाब में अपने तीन घंटे के भाषण में दावा किया था कि ‘‘उनके रिश्तेदार कहीं भी गलत काम करते पाए गए तो उनके खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी।‘‘

श्री सिंह ने अपने पत्र में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान से कहा है कि वे उनके भाई रोहित सिंह चौहान की गुम नस्ती शीघ्र ही लोक निर्माण विभाग को ढूंढकर उपलब्ध कराएं तथा जिनके निर्देश पर यह नस्ती गायब की गई उनके खिलाफ प्रकरण दर्ज करने और अजय सिंह बघेल द्वारा सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई तत्काल जानकारी उपलब्ध कराएं नहीं तो वे वैधानिक कार्यवाही करने के लिए मजबूर होंगे।
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