इंदौर। ये एक ऐसे स्कूल की कहानी है जहां 63 स्टूडेंट्स को पढ़ाने के लिए 11 विद्वान टीचर्स तैनात रहे, साल भर में उन्होंने करीब 60 लाख रुपए खर्चा किया, परंतु पास हुए मात्र 13 स्टूडेंट्स।
शासकीय सुभाष उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, बड़ा गणपति का 10वीं बोड में परीक्षा परिणाम मात्र 20.63 रहा। नियमित के अलावा इस स्कूल से 34 प्राइवेट परीक्षार्थी भी बैठे थे। सब के सब फैल हो गए।
आईए एक नजर डालते हैं स्कूल स्टाफ पर
नौ लेक्चरर हैं (इनका वेतन 35 से 45 हजार रुपए प्रतिमाह)
छह उच्च श्रेणी शिक्षक छह (वेतन 30-40 हजार)
सहायक शिक्षक छह (30 से 35 हजार के बीच)
तीन अतिथि शिक्षक, अध्यापक संवर्ग (अध्यापक संवर्ग, वेतन 20 हजार)
एक सहायक शिक्षक विज्ञान
(इनमें से 11 शिक्षक (लेक्चरर और यूटीडी ने छात्रों को पढ़ाया था)