शिवराज की TRP में आई भारी गिरावट, अब कलेक्टर जुटाएंगे भीड़: भूरिया

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भोपाल। कांग्रेस अध्यक्ष कांतिलाल भूरिया ने कहा है कि किसी ने शायद सोचा भी न था कि अपनी छबि बनाने (इमेज मैकिंग) पर हर महीने सरकारी खजाने से करोड़ों रूपये विभिन्न प्रकार के अभियानों और आपरेशनों पर खर्च करने वाले मुख्य मंत्री शिवराज सिंह चौहान की ‘‘TRP’’ अर्थात कथित लोकप्रियता में अनायास इतनी गिरावट आ जाएगी कि उन्हें अपने सार्वजनिक कार्यक्रमों में भीड़ जुटाने के लिए अंततः कलेक्टरों की मदद लेने की आवश्यक्ता पड़ेगी।


भारतीय जनता पार्टी के संसदीय बोर्ड में स्थान न मिलने के बाद तो मुख्यमंत्री की ‘’टीआरपी’’ का पारा और भी तेजी से नीचे गिरा है, क्योंकि शिवराज सिंह ने ऐसा भ्रम फैला कर रखा था कि भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व पर उनकी जबर्दस्त पकड़ है और पार्टी का कोई बड़ा से बड़ा नेता भी उनको नजर अंदाज करने की गलती कभी नहीं कर सकता।

शिवराज के मन में यह भ्रम इस कारण घर कर गया था कि गड़करी, आडवाणी, राजनाथसिंह जो भी नेता म.प्र. के दौरे पर आता था, वह शिवराज की जी खोलकर तारीफ करता था, लेकिन मुख्यमंत्री को अब समझ में आ गया होगा कि मंच पर तारीफ करने और पार्टी के महत्वपूर्ण मंच पर स्थान देने में बड़ा फर्क होता है।

श्री भूरिया ने कहा है कि वैसे तो मुख्यमंत्री ने अपनी पार्टी और सरकार,  दोनों को वर्ष 2009 की शुरूआत से अर्थात पिछले चार साल से आगामी विधान सभा चुनाव-2013 की तैयारियों में जुटा रखा है, लेकिन इस समय वे पूरी तरह चुनाव के मूड में हैं। उनको इन दिनों रात में भी केवल विधान सभा चुनाव ही दिखाई दे रहे हैं। इसी माहौल में उन्हें अब इस बात का अहसास हो रहा है कि जनसंपर्क विभाग की जी तोड़ मेहनत और करोड़ों रूपये पानी की तरह बहाने के बाद भी उनकी टीआरपी लगातार नीचे जा रही है।

ऐन चुनाव के पहले इस हकीकत ने मुख्यमंत्री को बुरी तरह परेशान कर रखा है। उनका अपनी पार्टी की ‘‘ताकत’’ पर से भी विश्वास उठ सा गया है, क्योंकि वे देख चुके है कि महाजनसंपर्क अभियान की अप्रत्याशित विफलता ने भाजपा को खुद को जमीन पर लाकर पटक दिया है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने आगे कहा है कि ‘’टीआरपी’’ पर अचानक आये इस संकट से मुख्य मंत्री का आत्मविष्वास भी डगमगा उठा है और अब उन्होंने जनता के बीच अपनी कथित उपलब्धियों के गुणगान के लिये आयोजित होने वाले सभा-सम्मेलनों में भीड़ जुटाने की जवाबदारी कलेक्टरों को सौंप दी है। भीड़ जुटाऐंगे कलेक्टर और वोटों की फसल काटेंगे शिवराज!

इस संबंध में राज्य सरकार द्वारा सभी कलेक्टरों को बाकायदा विस्तृत निर्देष जारी किये गये हैं। श्री भूरिया ने कहा है कि सुबह-शाम दूसरों को नैतिकता का पाठ पढ़ाने वाले शिवराज को खुद सोचना चाहिए कि क्या उनका यह आचरण सही है। सरकार के कामों का भाजपा को चुनावी फायदा पहुंचाने के लिए सरकार के करोड़ों के खर्च से आवष्यक प्रचारात्मक व्यवस्थाएं जिलेवार की जा रही हैं। स्पष्ट है कि अगले 6-7 महीनों में जिला प्रशासन सारा सरकारी काम-धंधा छोड़कर मुख्य मंत्री की सभाओं को सफल बनाने में जुटेगा और सरकार के काम की इस तरह पब्लिसिटी कराई जाएगी कि चुनाव में उसका लाभ भाजपा को मिले।

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