भोपाल। मनमानी और अनियमितताओं के आरोपों से घिरी गृह निर्माण सहकारी समितियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं हो पा रही है। यह हाल तब है, जब उपायुक्त सहकारिता की जांच में समितियों का फर्जीवाड़ा उजागर होने पर कलेक्टर ने रिकॉर्ड जब्ती से लेकर सर्च वारंट तक जारी करने के आदेश दिए हैं।
नोटिस देने के बाद भी रिकार्ड उपलब्ध न कराने वाली 19 गृह निर्माण समितियों के खिलाफ सर्च वारंट व रिकार्ड जब्ती की कार्रवाई ठंडे बस्ते में पड़ी है। इनमें से 10 के खिलाफ सर्च वारंट जारी होना है और 9 का रिकॉर्ड जब्त किया जाना है। गौरतलब है कि गृह निर्माण समितियों में हो रही गड़बड़ियों तथा शिकायतों के निदान के लिए समिति अध्यक्षों व संचालक मंडल से सोसायटी का रिकार्ड मांगा जाता है।
दूसरी ओर अध्यक्ष व संचालक मंडल सदस्य कार्रवाई से बचने के लिए रिकार्ड उपलब्ध न होने का बहाना बनाकर अपना बचाव करते हैं। ऐसे में कई बार उपायुक्त सहकारिता रिकार्ड जमा करने के लिए समिति को नोटिस देते हैं, लेकिन उस नोटिस का न तो अध्यक्ष जवाब देते हैं और न ही रिकार्ड उपलब्ध कराते हैं।
ऐसे में शिकायतों तक निराकरण नहीं हो पाता। इस स्थिति को देखते हुए कलेक्टर निकुंज श्रीवास्तव ने रिकार्ड उपलब्ध न कराने वाली सभी 19 गृह निर्माण सोसायटियों के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे। इसके तहत 10 सोसायटियों के खिलाफ विभिन्न वृत्तों के एसडीएम को सर्च वारंट जारी करना है तो वहीं 9 सोसायटियों के खिलाफ उपायुक्त कोर्ट के माध्यम से रिकार्ड जब्ती के आदेश जारी करने की कार्रवाई की जाना है।